नवजात शिशु की मौत होने पर स्वजन ने अस्पताल परिसर में किया प्रदर्शन

बालाघाट । सुर्खियों में रहने वाला जिला अस्पताल एक बार फिर रविवार को सुर्खियों में आ गया है। यहां नवजात शिशु की मौत के बाद स्वजनों द्वारा नर्सों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए करीब आधा घंटे प्रदर्शन किया गया। स्वजनों का आरोप है कि महिला को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल में भर्ती किए थे।जिसने एक नवजात शिशु को जन्म दिया था।नर्सों द्वारा नवजात की हालत खराब होने की बात कहते हुए निजी अस्पताल में जाने की सलाह दी गई और ध्यान न देकर रेफर करवा दिए। निजी अस्पताल में इलाज कराने के बाद फिर से जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था रविवार को सुबह मौत हो गई।

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि खैरलांजी तहसील के ग्राम बैजूमोहगांव निवासी अश्विनी पति अंकुश नेवारे 30 वर्ष को सात जुलाई को जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया था महिला ने नवजात को जन्म दिया।अस्पताल में सेवारत नर्सों द्वारा नवजात शिशु का जिला अस्पताल में इलाज न करते हुए उन्हें निजी अस्पताल जाने कहा गया। निजी अस्पताल में दो दिन तक रखने के बाद जब पैसे पूरे खर्च हो गए तो दोबारा जिला अस्पताल लाए और इलाज में देरी होने के चलते नवजात की मौत हो गई।

महिला के स्वजन ग्राम भौरगढ़ निवासी उषा राउत का आरोप है कि ट्रामा सेंटर में नर्सों व वहां के स्टाफ द्वारा प्रसव कराने दूर दराज ग्रामीण अंचलों से आने वाली महिलाओं का इलाज नर्सों द्वारा ठीक तरीके से नहीं किया जाता है बल्कि जान पहचान वाले व राजनीति का दबदबा रखने वालों का इलाज जल्दी होता है।ऐसे में गरीबों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।अस्पताल में नर्सों व स्टाफ की लापरवाही की वजह से नवजात की जान गई है।इधर,प्रदर्शन की जानकारी कोतवाली थाना प्रभारी केएस गहलोत को लगने पर बल के साथ पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को समझाइश देकर प्रदर्शन बंद किया गया।

सात जुलाई को महिला ने एक नवजात शिशु को जन्म दिया था।नवजात की हालत नाजुक थी।स्वजनों ने यहां पर इलाज कराने की बजाए निजी अस्पताल ले गए थे।जहां से नौ जुलाई को देर शाम जिला अस्पताल में लाया।हालत गंभीर थी जिसकी जांच की जा रही थी।स्वजनों ने जो आरोप लगाया है उसकी जांच की जाएगी। – डा. निलय जैन,शिशु रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल बालाघाट।

नवजात शिशु की मौत के मामले में स्वजन अस्पताल परिसर में प्रदर्शन कर रहे थे।इसकी जानकारी मिली है।मामले को संज्ञान में लेकर जांच की जाएगी।– डा. संजय धबड़गांव, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल बालाघाट।

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