सिर्फ शिंजो आबे ही नहीं, इन बड़े नेताओं की भी हुई थी भरी सभा में हत्या

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का देहांत हो गया है. शुक्रवार सुबह जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गोली मार कर हत्या कर दी गई.उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गोली लगने के वजह से उन्हें नहीं बचाया जा सका.शिंजो आबे की हत्या के बाद पूरा देश सदमें में है.वैसे ऐसे कई ऐसे नेता रहे है जिनका सरेआम हत्या कर दी थी जी हाँ इनमे से कई नेता जिन्हे सरेआम गोली मार दी गयी थी आइये जानते है…..

अब्राहम लिंकन
अब्राहम लिंकन के बारे में कौन नहीं जानता है उन्होंने दास प्रथा को खत्म किया था और अमेरिका को गृहयुद्ध से बाहर निकाला,16वें अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन को 15 अप्रैल 1865 को गोली मारी गई. लिंकन उस वक्त फोर्ड थियेटर में अवर अमेरिकन कजिन नाटक देख रहे थे. उसी दौरान एक नाट्यकर्मी जॉन वाइक्स बूथ ने सिर के पीछे गोली मार दी. ऐसा कहा जाता है कि नीग्रो को बराबरी देने की बात से नाराजगी उनकी हत्या का कारण बनी.।

मार्टिन लूथर किंग
मार्टिन लूथर किंग को 4 अप्रैल 1968 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई.जिससे अमेरिका में अश्वेतों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने वाले मार्टिन लूथर किंग अश्वेतों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले प्रमुख अमेरिकी नेता रहे.उन्हें अमेरिका का गांधी भी कहा जाता है. उन्होंने भारत का दौरा सन्‌ 1959 में भारत की यात्रा की.उन्होंने अपने भाषण में रंगभेद का मुद्दा उठाया था।

जॉन एफ कैनेडी
सिर्फ 43 साल की आयु में अमेरिकी राष्ट्रपति पद सँभालने वाले कैनेडी को 22 नवम्बर 1963 को डलास शहर में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी. उस वक़्त उनके साथ उनकी पत्नी जैकलीन कैनेडी भी मौजूद थी. कैनेडी के सिर और गर्दन पर दो गोलियां लगीं. हमले में गवर्नर कॉनली भी घायल हुए थे. दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां जॉन एफ. कैनेडी ने दम तोड़ दिया और उनकी मृत्यु हो गयी थी।

शेख मुजीबुर्रहमान
प्रथम राष्ट्रपति के रूप में बांग्लादेश के शेख मुजीबुर्रहमान की 15 अगस्त 1975 को राष्ट्रपति भवन में ही परिवार सहित हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड को शेख मुजीबुर्रहमान को बांग्लादेश का जनक भी कहा जाता है. बांग्लादेश सेनावाहिनी (बांग्लादेश की सेना) के युवा समूह ने अंजाम दिया था.जिसके बाद पूरा देश शोक मग्न में था.।

इंदिरा गांधी
भारत की आयरन लेडी कही जाने वाली इंदिरा गांधी की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके ही बॉडीगार्ड ने 31 अक्टूबर 1984 को नई दिल्ली के सफदरजंग रोड स्थित उनके सरकारी आवास पर गोलियों से भूल कर हत्या कर दी गई थी. सुबह करीब साढ़े नौ बजे वह अपने आवास के लॉन में निकली थीं, तभी उनके सिख अंगरक्षकों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने उन पर गोलियां बरसा दीं.इस घटना ने पुरे देश को झकझोर दिया था।.

ओलोफ पाल्मे
28 फरवरी 1986 को सेंट्रल स्टॉकहोम स्ट्रीट पर उस वक्त उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह पत्नी और बेटे के साथ सिनेमाघर से वापस लौट रहे थे.उस वक्त इनके साथ सुरक्षाकर्मी नहीं थे.स्वीडन के डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता 1969 से 1976 तक वह दो बार स्वीडन के प्रधानमंत्री बने. उन्हें पीएम होने के बाद सामान्य जीवन जीने के लिए भी याद किया जाता है. उन्हें जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सादगी पंसद पाल्मे अक्सर सुरक्षाकर्मियों के बिना बाहर निकल जाते थे. हमलावर ने एक गोली ओलोफ पाल्मे को मारी और दूसरी गोली उनकी पत्नी लिसबेथ पाल्मे को मारी थी. पाल्मे की हत्या आधुनिक स्वीडिश इतिहास में अपनी तरह पहली घटना थी, जिसका पूरे स्केनेवेडिया क्षेत्र में गहरा असर पड़ा।

राजीव गांधी
राजीव गांधी हत्याकांड में 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरुमबुदुर में एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान ‘लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम’ की आत्मघाती महिला आतंकी ने उन्हें बम से उड़ा दिया था. लिट्टे श्रीलंकाई सेना को प्रशिक्षण और उनकी मदद के लिए भारतीय सेना की टुकड़ी भेजने से नाराज था. राजीव गांधी की हत्या में पहली बार आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल किया गया.इस सदमे में लोग आज भी सुन कर दंग रह जाते है।