CM का खौफ – गले में तख्ती और कान पकड़कर
पुलिस थाने पहुंचे हिस्ट्रीशीटर, अब अपराध से तौबा!
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के अपराधियों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके सख्त प्रशासन का खौफ स्पष्ट रूप से दिखने लगा है. अपने पहले कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों के खिलाफ जिस तरह से कार्रवाई की थी और उसके बाद अपराधी स्वयं आत्मसमर्पण के लिए पहुंचे थे, दूसरे कार्यकाल में भी ऐसा ही हो रहा है.
अपराधियों में इस तरह का खौफ आम लोगों के लिए भी चैन की सांस लेने का अवसर है. वैसे भी अपराधियों और अवैध निर्माण के खिलाफ योगी का बुलडोजर लगतार चल ही रहा है. ताजा मामला मुजफ्फरनगर का है, जहां दो अपराधी गले में तख्ती डाल, कान पकड़कर पुलिस स्टेशन पहुंचे और आगे से अपराध नहीं करने की बात कही. ताजा मामला मुजफ्फरनगर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र का है.
यहां बुधवार दोपहर शाहपुर थाने के दो हिस्ट्रीशीटर बदमाश नसीम और नईम ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. यह दोनों शातिर अपराधी और गौ-तस्कर भी हैं. बुधवार को दोनों गले में तख्ती लटकाकर, कान पकड़कर शाहपुर पुलिस थाने पहुंचे और अब किसी भी तरह से अपराध से तौबा करते हुए आत्मसमर्पण कर दिया. यह दोनों थाने के टॉप 10 अपराधियों में शामिल थे.
एसपी देहात अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि यह दोनों शाहपुर थाने के टॉप 10 अपराधियों में शामिल थे. इन दोनों पर लूट और चोरी के साथ ही गौ-तस्करी के मामले भी दर्ज हैं. दोनों शाहपुर पुलिस थाने के हिस्ट्रीशीटर भी हैं और आज दोनों ने शाहपुर थाने में पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया है.
अपने दूसरे कार्यकाल में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अपराधियों में खौफ बरकरार है.
अब तो उनके प्रशंसक उन्हें ‘बुलडोजर बाबा’ कहने लगे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि अपराधियों और अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर जमकर चल रहा है. अपने दूसरे कार्यकाल में भी योगी आदित्यनाथ अब तक अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन के मूड में दिखे हैं. अपराधियों के साथ ही भू माफिया और गौ तस्करों में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त प्रशासन का खौफ दिखता है. ज्यादातर अपराधी या तो अपराध से तौबा कर चुके हैं या राज्य छोड़कर बाहर चले गए हैं. कुछ गले में तख्ती लटकाकर, कान पकड़कर थाने पहुंच रहे हैं तो जो नहीं मान रहे, उन्हें बुलडोजर बाबा का प्रशासन रास्ते पर ला रहा है. अपराधियों पर अपाहिज होने और संपत्ति पर बुलडोजर चलने का खौफ दिख रहा है, यही वजह है कि जो अपराधी राज्य में रह गए हैं, उन्होंने अपराध से तौबा कर ली है.
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