बच्चों को बुखार हो तो न करें लापरवाही, तत्काल लें डॉक्टर की सलाह

उमस भरी गर्मी और तापमान बढ़ने के बाद बच्चों को बुखार हो तो उनकी सेहत को लेकर लापरवाही करने की बजाय तत्काल डॉक्टर की सलाह लें। इन दिनों तापमान में उतार-चढ़ाव होने के कारण शून्य से छह वर्ष तक के सर्वाधिक बच्चे तेज बुखार, उल्टी-दस्त से पीड़ित हो रहे हैं।

निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों में मासूम मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। वहीं, डॉक्टर दवा देने के साथ-साथ यह सुझाव दे रहे हैं कि अगर तीन दिनों तक बच्चों को लगातार बुखार हो तो देरी न करें। डॉक्टर से मिलकर परामर्श लें।

मई महीने की शुरुआत होने के बाद सूरज की तपिश भी तेज होने लगी है। तापमान 40 के पार तक जा पहुंचा है। उमस भरी गर्मी से लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है तो बच्चों की सेहत पर भी तेज धूप और गर्मी से असर पड़ने लगा है। शून्य से छह वर्ष तक के बच्चे वायरल फीवर से पीड़ित होने लगे हैं। बुधवार को पडरौना शहर में स्थित पुरुष एवं नेत्र चिकित्सालय के ओपीडी में बैठे बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एस प्रसाद मासूम मरीजों को देख रहे थे। डॉक्टर ने बताया कि मौसम के कारण बच्चों की सेहत पर असर पड़ रहा है। तेज धूप में बच्चों को कहीं न आने-जाने दें। धूल मिट्टी से उन्हें बचाए और बाहरी खाने-पीने की चीजें न दें। अगर तीन से बुखार आ रहा है तो तत्काल नजदीकी चिकित्सक की सलाह लें।

जरूरत पड़े तो ब्लड की जांच भी कराएं। वहीं, शहर के एक निजी अस्पताल में भी मासूम मरीजों को दिखाने के लिए लोग पहुंचे थे। ओपीडी में बैठे डॉ. कमलेश कुमार वर्मा ने बताया कि वायरल फीवर का दौर चल रहा है। इससे बच्चे पीड़ित हो रहे हैं। उल्टी-दस्त और तेज बुखार की शिकायत आ रही है। दवा देने के साथ-साथ बचाव के भी उपाय बताए जा रहे हैं।

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