Vastu Tips: घर में रोज शंख बजाने से होते हैं ये
फायदे, जानिए क्या कहता है वास्तु शास्त्र

Vastu Tips: हिन्दू धर्म में पूजा स्थल पर शंख रखने की परंपरा है क्योंकि शंख को सनातन धर्म का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि शंख को पूजास्थल में रखने से और इसे बजाने से शत्रुओं का नाश होता है और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

हिन्दू धर्म में शंख का महत्त्व अनादि काल से चला आ रहा है। मान्यता है कि शंख का स्पर्श पाकर जल गंगाजल के समान पवित्र हो जाता है। माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों ही अपने हाथों में शंख धारण करते हैं। विष्णु पुराण के अनुसार माता लक्ष्मी समुद्रराज की पुत्री हैं तथा शंख उनका सहोदर भाई है। इसलिए यह भी मान्यता है कि जहां शंख है, वहीं लक्ष्मी का वास होता है। इन्हीं कारणों से शंख की पूजा भक्तों को सभी सुख देने वाली है। घर में शंख रखने से वास्तु दोष दूर होते हैं और इसके साथ ही धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है। अगर आपके घर के किसी हिस्से में वास्तु दोष है, तो उस कोने में शंख रखने से वहां का वास्तु दोष समाप्त हो जाता है, घर में खुशहाली आती है। आइए जानते हैं शंख से जुड़े वास्तु उपाय-

शंख के प्रकार


शास्त्रों में शंख के तीन प्रकार का उल्लेख मिलता है-दक्षिणावर्ती , मध्यावर्ती और वामवर्ती। मान्यता है कि श्री विष्णु का शंख मध्यावर्ती है और माता लक्ष्मी का शंख वामावर्ती। मान्यताओं के अनुसार पूजा-पाठ के समय दक्षिणावर्ती और वामावर्ती शंख का उपयोग किया जाता है।

शंख से जुड़े वास्तु उपाय

  • दक्षिणवर्ती शंख से शालिग्राम और लक्ष्मी की पूजा करने से धन की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त वैवाहिक जीवन में तालमेल बढ़ता है।
  • शंख में जल भरकर ईशान दिशा में रखने से परिवार में परस्पर तालमेल बढ़ता है।
  • यदि आपका बच्चा पढ़ाई में कमज़ोर है तो शंख में जल भरकर पिलाने से बौद्धिक क्षमता का विकास होता है।
  • घर में शंख बजाने से सात्विक ऊर्जा का संचार होता है और घर में यदि कोई नकारात्मक ऊर्जा है तो समाप्त होती है।
  • जिस घर में वास्तु दोष की वजह से नकारात्मकता हो उस घर के ईशान कोण के शंख बजाने से वास्तु दोष का बुरा प्रभाव खत्म होता है।
  • घर में शंख बजाने से और इसकी पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

शंख का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व


धार्मिक मान्यता के अनुसार शंख को पूजास्थल पर स्थापित किया जाता है। जिस घर के पूजा स्थल पर शंख रहता है और उसे प्रतिदिन बजाया जाता है, वहां पर धन की देवी मां लक्ष्मी का वास बना रहता है। शंख की मंगल ध्वनि से नकारात्मक उर्जा दूर हो जाती है और किसी भी प्रकार की ऊपरी बाधा का असर नहीं होता है। वैज्ञानिक रूप से भी शंख का खास महत्व है। मान्यता है कि शंख की ध्वनि वातावरण को शुद्ध करती है। साथ ही शंख की ध्वनि जहां कहीं भी पहुंचती है वहां मौजूद अदृश्य सभी किटाणु नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा शंख में थोड़ा चूने का पानी भरकर पीने से शरीर में कैल्शियम की स्थिति अच्छी रहती है। वहीं शंख बजाने से दिल की बीमारी और फेफड़े के संक्रमण दूर हो जाते हैं।

शंख का वास्तु महत्व


शंख का सिर्फ़ धार्मिक या वैज्ञानिक महत्व ही नहीं है बल्कि वास्तुशास्त्र में भी इसका महत्व माना जाता है। वास्तु दोष निवारण में यदि शंख आदि का उपयोग किया जाए तो कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं। यह न केवल वास्तु-दोषों को दूर करता है, बल्कि आरोग्य वृद्धि, आयुष्य प्राप्ति, लक्ष्मी प्राप्ति, पुत्र प्राप्ति, पितृ-दोष शांति, विवाह में विलम्ब जैसे अनेक दोषों का निराकरण एवं निवारण भी करता है। इसे पापनाशक बताया जाता है।