छत्तीसगढ़: पैदल मार्च में शामिल किसान की मौत,
संगठनों ने की शहीद का दर्ज देने व उचित मुआवजे की
मांग

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की नई राजधानी नवा रायपुर में हुए किसानों (Farmers) के पैदल मार्च के दौरान एक किसान की मौत हो गई. शुक्रवार को नवा रायपुर में 68 दिनों से धरना दे रहे किसानों ने पैदल मार्च रखा था.

इस दौरान करीब 200 किसान इस मार्च में शामिल हुए थे. इस दौरान पुलिस (Police) ने किसानो को बीच रास्ते में रोक लिया था, जिसके बाद किसान धरने पर बैठ गए थे. इसी धरने के दौरान 66 वर्ष के किसान सियाराम पटेल बेहोश होकर गिर गए थे, जिनकी मौत हो गई.

घटना के बाद मौके पर पहुंची स्वास्थ्य टीम ने किसान सियाराम की स्थिति गंभीर पाई थी. थोड़ी ही देर बाद किसान की मौत हो गई. मृतक नवा रायपुर के बरोदा गांव के किसान थे, वह भी नवा रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी की तरफ ली गई पर जमीन के एवज में मुआवजे और रोजगार की मांग कर रहे थे. घटना के संबंध में जानकारी देते हुए बरौदा गांव की सरपंच सीमा ने बताया कि सियाराम के चक्कर खाकर गिरने के बाद उन्हें तत्काल बालको अस्पताल ले जाया गया. इसी दौरान उनकी मौत हो गई. बहरहाल पुलिस और जिला प्रशासन मौत के कारणों का पता लगा रहा है.

किसान संगठनों की मांग- मृतक को शहीद का दर्जा दे सरकार

इधर छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल दुबे और प्रवक्ता वैगेन्द्र सोनबेर ने किसान सियाराम पटेल की मौत पर दुःख जताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस तरह प्रदेश के लखीमपुर खीरी में आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानो के लिए 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया था, उसी तरह उन्हें छत्तीसगढ़ के किसान परिवार क भी चिंता करनी चाहिए. किसान नेताओ ने सरकार से नवा रायपुर के दिवंगत किसान सियाराम पटेल के परिवार को मुआवजा देने की मांग की है. छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता वैगेन्द्र सोनबेर ने कहा कि छत्तिसगर सरकार को किसान परिवार की तत्काल सुध लेनी चाहिए और उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए.