स्टील सेक्टर महंगे तेल और कच्चे माल से परेशान, क्या 180 डॉलर तक पहुंच जाएगा क्रूड ऑयल का भाव?

यूक्रेन क्राइसिस (Russia Ukraine crisis) से दुनियाभर में कच्चे तेल और कमोडिटी (Commodity) का भाव बढ़ रहा है. इंडस्ट्रीज पर इसका गंभीर असर हुआ है. वर्तमान सिचुएशन को लेकर जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL) के मैनेजिंग डायरेक्टर वीआर शर्मा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. कुछ तेल कंपनियां हालात (Crude oil price)का फायदा उठा रही हैं. दुनिया भर में संबंधित सरकारें कीमतों को काबू में रख सकती हैं, क्योंकि सब कुछ ऊर्जा से चलता है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में ऊर्जा की कीमतों को नियंत्रित करने की जरूरत है, क्योंकि यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से कच्चा माल महंगा हो रहा है. जैसे-जैसे तेल की कीमतें बढ़ रही हैं, माल ढुलाई की दरें भी ऊपर की ओर बढ़ रही हैं, जिससे कच्चे माल की लागत प्रभावित हो रही है.

शर्मा ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष शुरू होने से पहले तेल की कीमत 90 डॉलर प्रति बैरल थी और यह 120 डॉलर प्रति बैरल के करीब हैं और आशंका है कि कुछ दिनों में कच्चा तेल 180 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा कि तेल की कीमतें बढ़ने के साथ ही मालवाहक जहाजों की माल ढुलाई दर, जो इस समय 20,000 डॉलर प्रतिदिन है, उसके बढ़कर 30,000 डॉलर प्रतिदिन तक होने की आशंका है.

कोकिंग कोल डबल हो चुका है


इसी तरह कोयले के दाम भी बढ़ रहे हैं. संकट शुरू होने से पहले कोकिंग कोल 250 डॉलर प्रति टन के भाव पर था, जो अब बढ़कर 550 डॉलर प्रति टन के स्तर को पार कर गया है. भारत अपनी कोकिंग कोल की जरूरत का 85 फीसदी आयात से पूरा करता है.

आयरन अयस्क दो बार महंगा हो चुका है


कोकिंग कोल के अलावा स्टील इंडस्ट्री में बड़े पैमाने पर आयरन ओर यानी लौह अयस्क की जरूरत होती है. देश की सबसे बड़ी लौह अयस्क प्रोड्यूसर NMDC ने भी रेट बढ़ा दिया है. उसने दो बार कीमत में बढ़ोतरी की है. वर्तमान में आयरन ओर की कीमत 10 हजार रुपए प्रति टन के करीब है. लौह अयस्क के महंगा होने के कारण स्पंज आयरन और पिग आयरन में भी उछाल आया है. एनर्जी की बढ़ती कीमत के कारण इनके दाम बढ़े हैं.

स्टील का प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ गया है


शर्मा ने कहा कि इससे स्टील का प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ जाएगा.घरेलू स्टील मैन्युफैक्चरर्स ने हॉट रोल्ड कॉयल (एचआरसी) और टीएमटी सरिये का दाम पांच हजार रुपए प्रति टन तक बढ़ा दिया है. आने वाले हफ्तों में रूस-यूक्रेन के बीच सैन्य संघर्ष गहराने के साथ इसकी कीमत में और वृद्धि होने के आसार हैं.

TMT 65 हजार रुपए प्रति टन


शुक्रवार को कीमतों में बदलाव के बाद एचआरसी का भाव 66,000 रुपए प्रति टन पर पहुंच गया है. इसी तरह टीएमटी की कीमत लगभग 65,000 रुपए प्रति टन हो गई है. एक इस्पात कंपनी के अधिकारी ने बताया कि इस्पात की कीमतों में कुछ हफ्ते पहले की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वही कोकिंग कोल की कीमत 500 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गई है.

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