होली (Holi) में ये करे काम आप के अभी कष्ट हो गए दूर ,गोपनीयता के साथ करें ये उपाय, आपकी हर समस्या का हो जाएगा अंत

हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि (Purnima Tithi) पर ये त्योहार मनाया जाता है. इस बार होली 18 मार्च को मनाई जाएगी. होली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. इस दिन लोग होलिका दहन (Holika Dahan) करते हैं और उसके बाद रंगों की होली खेलकर इस दिन का जश्न मनाते हैं. ये दिन बेहद शुभ होता है. मान्यता है कि इस दिन अगर समस्या के हिसाब से कुछ ज्योतिषीय उपाय किए जाएं तो किसी भी परेशानी से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है. यहां जानिए होली पर किए जाने वाले उपायों के बारे में.

अगर कोई रोगी ठीक न हो पा रहा हो तो

अगर आपके घर में कोई व्यक्ति काफी समय से बीमार है और उपचार के बावजूद वो पूरी तरह से ठीक नहीं हो पा रहा है, तो होली के दिन बिना कटे हुए पान, लाल गुलाब और बताशे लेकर बीमारी व्यक्ति के शरीर पर 31 बार घुमाएं. इसके बाद इन चीजों को किसी चौराहे पर रख दें. लेकिन ये उपाय इतनी गोपनीयता से करें, कि कोई आपको देख न पाए. माना जाता है कि इससे कुछ समय बाद रोगी की स्थिति में सुधार होने लगेगा.

घर की समस्याएं खत्म नहीं होतीं

किसी किसी का जीवन बहुत संघर्षों से भरा होता है. एक समस्या जाती नहीं, कि दूसरी आने को तैयार रहती है. ऐसी स्थिति में आप होली की रात को घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का चौमुखी दीपक लगाएं और प्रभु से हर समस्या को दूर करने की प्रार्थना करें. इससे काफी लाभ मिलता है.

बेवजह खर्चों को रोकने के लिए

अगर आपके घर में किसी न किसी कारण बेवजह खर्चे लगे रहते हैं तो होली के दिन घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़कें और उस पर दोमुखी दीपक जलाएं. इस दौरान में धन हानि को रोकने की बात कहें. दीपक बंद होने के बाद इसे उठाकर होलिका दहन की अग्नि में डाल दें.

टोटके का प्रभाव नि​ष्क्रिय करने के लिए

अगर आप पर किसी ने टोना टोटका किया है, तो उसका प्रभाव दूर करने के लिए होली की रात जहां होलिका दहन हो, उस जगह एक गड्ढा खोदकर उसमें 11 अभिमंत्रित कौड़ियां दबा दें. अगले दिन इन कौड़ियों को निकालें और नीले कपड़े में बांधकर इसे पानी में प्रवाहित कर दें.

धन की समस्या दूर करने के लिए

अगर आपके घर में आर्थिक तंगी है तो होली के दिन नारायण और माता लक्ष्मी के मंदिर में जाएं और उनकी विधिवत पूजा करें. सहस्त्रनाम का पाठ करें. प्रभु से अपनी समस्या कहें और उसे दूर करने की प्रार्थना करें. इसके बाद पशुओं और जरूरतमंदों को सामर्थ्य के अनंसार दान करें.