नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल से बात की और यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति और मानवीय संकट पर अपना दुख व्यक्त किया। उन्होंने शत्रुता को समाप्त करने और बातचीत के लिए भारत की अपील को दोहराया।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि समकालीन वैश्विक व्यवस्था अंतर्राष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सभी राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान पर आधारित है।
मोदी ने दोनों पक्षों के बीच वार्ता का स्वागत किया और सभी लोगों की निर्बाध मानवीय पहुंच और सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में दवाओं सहित तत्काल राहत सामग्री भेजने के लिए भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को कहा कि इस बीच, भारत यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को लाने के लिए वायुसेना के सी-17 परिवहन विमान को बुधवार को रोमानिया भेज रहा है। विमान दिल्ली के पास हिंडन वायु सेना स्टेशन में अपने घरेलू बेस से उड़ान भरेगा। युद्ध यूक्रेन की राजधानी कीव और दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव तक पहुंच गया है।
अगले तीन दिनों में, 26 उड़ानें संचालित होने वाली हैं। श्रृंगला ने कहा कि कल सुबह चार बजे सी-17 छात्रों को निकालने के लिए रोमानिया के लिए उड़ान भरेगा।
श्रृंगला ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक 12,000 भारतीयों को यूक्रेन से बाहर लाया गया है जो यूक्रेन में कुल भारतीयों का 60 प्रतिशत है। उन्होंने यह भी पुष्टि करते हुए कहा है कि अभी तक कीव में कोई नहीं बचा है।
विदेश सचिव ने कहा कि कीव में भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे पश्चिमी हिस्सों में जाएं और जब भी संभव हो वहां से बाहर निकलें। वे हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया, पोलैंड और मोल्दोवा की ओर जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि 7700 नागरिक इन मार्गों से निकले हैं।
विदेश सचिव ने कहा कि मोदी ने भारतीय छात्र की हत्या पर गहरा दुख व्यक्त किया है और हमने न केवल दिल्ली में, रूस और यूक्रेन के दूतों को बल्कि उन देशों में भी राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से भारतीयों की सुरक्षित यात्रा की मांग की है।
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