सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद है तुलसी, लेकिन इन परेशानियों में न करें इसका सेवन

तुलसी को आयुर्वेद में औषधीय गुणों का खजाना माना गया है. तमाम रोगों में उपचार के लिए तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में तुलसी का सेवन आपके लिए परेशानी को बढ़ा सकता है.

तुलसी का पौधा हर घर में ​आसानी से मिल जाएगा. सेहत के लिहाज से तुलसी के तमाम फायदे हैं. आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों और इसके अर्क का इस्तेमाल तमाम बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है. लेकिन कुछ बीमारियों में तुलसी का सेवन समस्या बढ़ा सकता है, जिसके बारे में अक्सर लोग नहीं जानते. तुलसी के पत्ते खून को पतला करते हैं. अगर आपको चोट लगी है और खून निकल रहा है तो आपको तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा कोई सर्जरी कराने जा रहे हैं, तो कुछ समय पहले तुलसी का सेवन रोक दें.

तुलसी के पत्ते खून को पतला करते हैं. अगर आपको चोट लगी है और खून निकल रहा है तो आपको तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा कोई सर्जरी कराने जा रहे हैं, तो कुछ समय पहले तुलसी का सेवन रोक दें. हर चीज का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए. कई बार लोग फायदे के चक्कर में इसका अधिक सेवन कर लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी का अधिक सेवन पुरुष और महिला दोनों की फर्टिलिटी पर प्रभावित कर सकता है. इससे स्पर्म काउंट में कमी आ सकती है. वहीं महिलाओं में इसके कारण फर्टिलाइज्ड एग के गर्भाशय में रुकने की संभावना भी कम हो सकती है. अगर आप इन्फर्टिलिटी का इलाज करवा रहे हैं, तो तुलसी का सेवन विशेषज्ञ की सलाह से ही करें.

हर चीज का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए. कई बार लोग फायदे के चक्कर में इसका अधिक सेवन कर लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी का अधिक सेवन पुरुष और महिला दोनों की फर्टिलिटी पर प्रभावित कर सकता है. इससे स्पर्म काउंट में कमी आ सकती है. वहीं महिलाओं में इसके कारण फर्टिलाइज्ड एग के गर्भाशय में रुकने की संभावना भी कम हो सकती है. अगर आप इन्फर्टिलिटी का इलाज करवा रहे हैं, तो तुलसी का सेवन विशेषज्ञ की सलाह से ही करें. 
तुलसी की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को भी इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए. तुलसी में यूजेनॉल नाम का तत्व पाया जाता है, जिसके कारण गर्भाशय में सिकुड़न आ सकती है. इससे मिसकैरेज का खतरा भी बढ़ सकता है. ऐसे में तुलसी का सेवन करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें.

तुलसी की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को भी इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए. तुलसी में यूजेनॉल नाम का तत्व पाया जाता है, जिसके कारण गर्भाशय में सिकुड़न आ सकती है. इससे मिसकैरेज का खतरा भी बढ़ सकता है. ऐसे में तुलसी का सेवन करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें. तुलसी का सेवन करते समय कभी दांतों से न चबाएं. तुलसी के पत्तों में पारा होता है, इसे दांतों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. तुलसी के पत्तों में आर्सेनिक भी पाया जाता है, जिससे दांतों को नुकसान पहुंचता है. तुलसी का सेवन हमेशा पानी या किसी अन्य चीज के साथ निगलकर करें या इसे पानी या चाय में उबालकर लें.

तुलसी का सेवन करते समय कभी दांतों से न चबाएं. तुलसी के पत्तों में पारा होता है, इसे दांतों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. तुलसी के पत्तों में आर्सेनिक भी पाया जाता है, जिससे दांतों को नुकसान पहुंचता है. तुलसी का सेवन हमेशा पानी या किसी अन्य चीज के साथ निगलकर करें या इसे पानी या चाय में उबालकर लें.