जिले के पंजीकृत किसान सहकारी समितियों में बेच सकते हैं मक्का
गरियाबंद 23 फ़रवरी (वेदांत समाचार)। गरियाबंद जिले के विकासखंड-मैनपुर एवं देवभोग के अधिकांश कृषकों द्वारा खरीफ एवं रबी में मक्का फसल का उत्पादन लगभग 19000 हेक्टेयर रकबा में लगाया जाता है। खरीफ 2021 में मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1870 रूपये घोषित किया गया है, तथा राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सहकारी समितियों के माध्यम से उर्पाजन की व्यवस्था की गई है। खरीफ 2021 में जिले के 5051 मक्का उत्पादन कृषकों द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल पंजीयन कराया गया, परन्तु बाजार मूल्य अधिक होने के कारण मक्का उत्पादक कृषकों द्वारा सहकारी समितियों में टोकन कटाने नही पहुंचे। कोरोना के कारण विगत वर्ष मक्के के बाजार मूल्य में कमी आई थी तथा सहकारी समिति के माध्यम 539 कृषकों से 16546 क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का उर्पाजन किया गया था। सहकारी समिति में मक्का उर्पाजन की कार्यवाही 31 मई 2022 तक चालू रहेगी। जिले के इच्छुक किसान सहकारी समिति में जाकर टोकन कटवाकर मक्का बेच सकते है। उक्त जानकारी देते हुए कृषि विभाग के उपसंचालक श्री संदीप भोई ने बताया कि जिले की जलवायु व मिट्टी मक्का फसल उत्पादन हेतु उपयुक्त है तथा मक्का का उत्पादन अधिक होने के कारण कृषकों द्वारा परम्परागत रूप से मक्के की खेती की जाती है। कृषि विभाग द्वारा रबी 2021-22 में विभिन्न योजना के तहत 5352 हेक्टेयर में निःशुल्क हाईब्रिड मक्का बीज व आदान सामाग्रीयों का वितरण कर मक्का फसल उत्पादन हेतु क्षेत्र के कृषकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। धान फसल की तुलना में मक्का फसल उत्पादन में लागत कम आता है। ग्रीष्मकालीन धान फसल की बाजार मूल्य 1100 से 1200 रूपये प्रति क्विंटल होती है, वही इस वर्ष मक्का उत्पादक कृषकों को 1900 से 2200 प्रति क्विंटल प्राप्त हो रही है। ग्रीष्मकालीन धान के बदले मक्का लाभप्रद है। उप संचालक कृषि श्री भोई ने यह भी बताया कि राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना अन्तर्गत खरीफ 2021 से खरीफ मौसम में धान के साथ-साथ अन्य सभी कृषि एवं उद्यानिकी फसल पर 9000 रूपये प्रति एकड़ आदान सहायता राशि देने का निर्णय लिया गया है। खरीफ 2020 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किये गये रकबे में यदि कृषक द्वारा धान के बदले मक्का, दलहन, तिलहन अथवा अन्य उद्यानिकी अथवा वृक्षारोपण करने पर 10000 रूपये प्रति एकड़ आदान सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है। वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को तीन वर्ष तक आदान सहायता राशि दी जायेगी।
खरीफ के मक्का उत्पादक कृषक राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है। किसान भाई जिले की जलवायु एवं बाजार मांग को देखते हुए अधिक से अधिक मक्का फसल लगाकर अतिरिक्त लाभ अर्जित करे। बाजार मूल्य, न्यूनतम समर्थन मूल्य की तुलना में कम होने की स्थिति में विभागीय कर्मचारियों व सहकारी समितियों से सम्पर्क कर 31 मई 2022 तक मक्का विक्रय कर सकते है।
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