डेस्क। गूगल (Google) ने आज जापानी वायरोलॉजिस्ट डॉ मिचियाकी ताकाहाशी को सम्मानिक किया है। गूगल ने मिचियाकी के 94वीं जयंती पर गूगल डूडल बनाकर उन्हें सम्मानित किया है। हालांकि मिचियाकी के बारे में शायद कम लोगों को मालूम होगा। ऐसे में जान लीजिए कि वो मिचियाकी ही थी, जिन्होंने चिकनपॉक्स के खिलाफ दुनिया का पहला टीका विकसित किया था। यह जीवन रक्षक टीका 1970 के दशक में ताकाहाशी ने विकसित किया गया था और बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इस पहला वैरिकाला वैक्सीन बन गया। इस टीके का इस्तेमाल 80 से ज्यादा देशों में किया जाएगा।
1928 में जापान में हुआ था जन्म
इस चिकनपॉक्स के टीके से दुनिया भर के लाखों बच्चों को संक्रामक वायरल बीमारी से निजात मिली। ताकाहाशी का जन्म 17 फरवरी 1928 को जापान के ओसाका हुआ था। उन्होंने ओसाका विश्वविद्यालय से अपनी चिकित्सा की डिग्री हासिल की और 1959 में ओसाका विश्वविद्यालय के माइक्रोबियल रोग अनुसंधान संस्थान में शामिल हो गए। खसरा और पोलियो वायरस का अध्ययन करने के बाद ताकाहाशी ने 1963 में संयुक्त राज्य अमेरिका के बायलर कॉलेज में एक शोध फेलोशिप स्वीकार की।
टीका विकसित करने में लगी 5 साल की मेहनत
मिचयाकी का बेटा भी चिकनपॉक्स की गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गया था। इसके बाद ताकाहाशी 1965 में जापान लौट आए और जानवरों और मानव ऊतकों में जीवित लेकिन कमजोर चिकनपॉक्स वायरस की कल्चरिंग शुरू कर दी। 1974 में ताकाहाशी ने चिकनपॉक्स की वजह से बनने वाले वैरिकाला वायरस को टारगेट करने वाला पहला टीका विकसित किया था। 1986 में ओसाका विश्वविद्यालय के माइक्रोबियल रोगों के लिए रिसर्च फाउंडेशन ने रोलआउट शुरू किया। डब्ल्यूएचओ की ओर से जापान की एकमात्र वैरिकाला वैक्सीन के रूप में चिकनपॉक्स टीके की इजाजत दी।
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