रिलायंस जियो (Reliance Jio) इंटरनेट की दुनिया में बड़ा धमाका करने के लिए कमर कस चुका है। कंपनी यूजर्स को जल्द 100Gbps की जबर्दस्त स्पीड से वायरलेस इंटरनेट कनेक्टिविटी (ब्रॉडबैंड) ऑफर करने वाली है। यूजर तक यह हाई-स्पीड इंटरनेट सैटेलाइट के जरिए पहुंचेगा। कंपनी सैटेलाइट बेस्ड टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करके यूजर्स को किफायती ब्रॉडबैंड सर्विस ऑफर करने वाली है। यूजर्स तक सैटेलाइट से इंटरनेट पहुंचाने के लिए मल्टी-ऑर्बिट स्पेस नेटवर्क का इस्तेमाल होगा।
जियो और SES की पार्टनरशिप
इस नेटवर्क में जियोस्टेशनरी (जीईओ) और मीडियम अर्थ ऑर्बिट (एमईओ) सैटेलाइट्स का इस्तेमाल किया जाएगा। नेटवर्क के मल्टी-गीगाबिट लिंक से भारत समेत पड़ोसी देशों की इंडस्ट्री, मोबाइल और आम ग्राहक भी जुड़े सकेंगे। सैटेलाइट से इंटरनेट कनेक्टिविटी देने के लिए रिलायंस जियो ने SES के साथ पार्टरनशिप की है। इस जॉइंट वेंचर में जियो की 51% और SES की 49% की हिस्सेदारी होगी।
दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचेगा इंटरनेट
इस डील के तहत जियो अगले कुछ वर्षों में लगभग 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के गेटवे और उपकरण खरीदेगा। जॉइंट वेंचर में SES अपने मॉडर्न सैटेलाइट देगा। वहीं, जियो गेटवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मैनेज करेगा। कंपनी ने बयान में कहा है कि कोविड -19 ने हमें सिखाया है कि नई डिजिटल इकनॉमी में पूर्ण भागीदारी के लिए ब्रॉडबैंड तक पहुंच जरूरी है। जियो और SES भारत को डिजिटल सर्विस से जोड़ने का काम करेंगे। यह सर्विस से दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य और सरकारी सेवाओं के साथ दूरस्थ शिक्षा के अवसरों तक पहुंच ऑफर करेगी।
जारी रहेगा 5G में निवेश
जियो के निदेशक आकाश अंबानी ने कहा, “हम अपनी फाइबर-आधारित कनेक्टिविटी और एफटीटीएच बिजनेस के साथ 5 जी में निवेश जारी रखेंगे। दूसरी तरफ एसईएस के साथ यह नया जॉइंट वेंचर मल्टीगीगाबिट ब्रॉडबैंड के विकास को और तेज करेगा।” कंपनी ने कहा कि यह जॉइंट वेंचर प्रधानमंत्री की ‘गति शक्ति: मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ को आगे बढ़ाने का जरिया बनेगा।
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