LIC IPO: एलआईसी के पास लावारिस पड़े हैं 21 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा, ऐसे करें चेक

सरकार ने रविवार को भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India- LIC) के आईपीओ ( LIC IPO) के लिए बाजार नियामक सेबी (Sebi) के पास मसौदा दस्तावेज दाखिल कर दिया है. आईपीओ के मार्च में कैपिटल मार्केट में आने की उम्मीद है. रविवार को दाखिल ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स (DRHP) के अनुसार, सितंबर 2021 के अंत तक एलआईसी (LIC) के पास लगभग 21,539 करोड़ रुपये लावारिस पड़े हैं. वित्त वर्ष 2021 में दावा न की गई राशि 18495.32 करोड़ रुपये थी, जबकि वित्त वर्ष 2020 में 16052.65 करोड़ रुपये थी. FY19 में यह राशि 13843.70 करोड़ रुपये थी. इस लावारिस फंड में दावा न की गई राशि और दावा न की गई राशि पर अर्जित ब्याज शामिल है.

यह राशि पूरे भारत में करोड़ों पॉलिसीधारकों की है, जो इसकी पॉलिसियों के पूरा होने के बाद दावा करने में विफल रहे या उनके परिवार के सदस्य बीमित व्यक्ति की मृत्यु के बाद दावा करना भूल गए हैं. प्रत्येक बीमाकर्ता को अपनी संबंधित वेबसाइटों पर 1,000 रुपये या उससे अधिक की किसी भी दावा न की गई राशि के बारे में जानकारी देने की जरूरत होती है (10 साल पूरे होने के बाद भी जारी रखने के लिए)और वेबसाइट पर एक सुविधा प्रदान की जानी चाहिए ताकि पॉलिसीधारकों या लाभार्थियों को दावा न की गई राशियों को सत्यापित करने में सक्षम बनाया जा सके.

ऐसे पता करें अनक्लेम्ड अमाउंट

अगर आप भी कभी एलआईसी पॉलिसीधारक हैं या थे तो उसका आसानी से घर बैठे पता कर सकते हैं कि आपका भी कोई बकाया तो नहीं. एलआईसी में लावारिस पड़े अमाउंट का पता लगाने के लिए सबसे पहले https://licindia.in/Bottom-Links/Unclaimed-Policy-Dues पर क्लिक करें. यहां अपना LIC पॉलिसी नंबर, पॉलिसीधारक का नाम, जन्मतिथि और पॉलिसीधारक का PAN डालें. इसके बाद सबमिट बटन दबाएं. ऐसा करने के बाद लावारिस रकम नजर आएगी.

SCWF एक्ट के तहत 10 साल की अवधि से ज्यादा समय के लिए रखे गए पॉलिसीधारकों की दावा न की गई राशि को वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (Senior Citizens’ Welfare Fund) में ट्रांसफर कर दिया जाता है.

वित्त वर्ष 2021 में एलआईसी ने भारत में लगभग 2.1 करोड़ इंडिविजुअल पॉलिसी जारी कीं, जो नई इंडिविजुअल पॉलिसी जारी करने में लगभग 75 फीसदी बाजार हिस्सेदारी का प्रतिनिधित्व करती हैं. उद्योग के दूसरे सबसे बड़े खिलाड़ी ने वित्त वर्ष 2021 में 1.66 मिलियन इंडिविजुअल पॉलिसी जारी कीं और उनकी बाजार हिस्सेदारी 5.9 फीसदी थी.

आईपीओ के जरिए LIC में 5% हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

LIC के आईपीओ के तहत 31.6 करोड़ शेयरों की पेशकश की जाएगी, जो 5 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है. मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय फर्म मिलिमन एडवाइजर्स ने 30 सितंबर 2021 तक एलआईसी का एम्बेडेड मूल्य लगभग 5.4 लाख करोड़ रुपये आंका है. आईपीओ भारत सरकार द्वारा पूरी तरह बिक्री पेशकश (ओएफएस) के रूप में है

31 मार्च, 2021 तक एलआईसी के पास 28.3 करोड़ पॉलिसियों और 13.5 लाख एजेंटों के साथ नए प्रीमियम व्यापार में 66 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी थी. आईपीओ का एक हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित होगा. साथ ही, एलआईसी के आईपीओ निर्गम का 10 प्रतिशत तक पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित होगा.

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