इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में इंटरनेशनल वूमेन एण्ड गर्ल्स डे पर आयोजित किए गए विविध कार्यक्रम

विद्यालय की छात्राओं ने स्वयं प्रयोग कर अनुभव किया विभिन्न वैज्ञानिक परिवर्तन ।

विज्ञान शिक्षिका श्रीमती चिंचु जे ने छात्राओं का बताया प्रकाश संश्लेषण का महत्व और जीवधारियों में ऊतक एवं कोशिका का महत्व ।

सतत रूप से प्रयोग कर एक निश्चित निष्कर्ष पर पहुँचना ही विज्ञान है -डॉ. संजय गुप्ता

कोरबा 12 फरवरी (वेदांत समाचार)। आज विज्ञान हमारे सर्वत्र परिलक्षित होता है । आज विज्ञान को अलग करके हमारा जीवन नहीं चल सकता । विज्ञान बिन ज्ञान अर्थात विशेष ज्ञान है । किसी भी विषय के क्रमबध्द एवं सुव्यवस्थित ज्ञान को विज्ञान कहते हैं । आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान ने अपनी पहुँच बना ली है । जीवन के प्रारंभ से अंत तक हमारी जिंदगी में विज्ञान का समावेश है । प्रारंभ में जहाँ विज्ञान के तकनीकों का इस्तेमाल केवल पुरूष ही बहुतायत से करते थे वहीं आज की स्थिति में जमीन से लेकर आसमान तक प्रत्येक क्षेत्र में महिलाएँ और लड़कियाँ भी निरंतर अपनी कामयाबी का परचम लहरा रही है । आज रक्षा क्षेत्र, चिकित्सा क्षेत्र, अभियांत्रिकी क्षेत्र प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं ने अपना दबदबा कायम किया है । आज विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों में भी सीईओ जैसे पदों में महिलाएँ विराजित है और अत्याधुनिक तकनीकी के बेहतर प्रयोग से उत्तरोत्तर उन्नति कर रही है । उपरोक्त सभी तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में इंटरनेशनल वूमेन एण्ड गर्ल साइंस डे के उपलक्ष्य में विद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं को विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने अपने दिशा-निर्देशन में विभिन्न प्रयोग करवाए एवं करके सीखने हेतु प्रेरित किया । सर्वप्रथम छात्राओं को केमेस्ट्री लैब, बायोलॉजी लैब तथा फिजिक्स लैब का भ्रमण कराया गया तत्पश्चात विभिन्न जीवंत प्रयोगों के माध्यम से विद्यार्थियों को स्वयं करके सीखने हेतु प्रेरित किया गया ।
छात्राओं को वाटिका में ले जाकर गुरूत्वाकर्षण प्रकाश-संश्लेषण इत्यादि के बारे में प्रयोग के माध्यम से समझाने का प्रयास किया गया । छात्राओं ने स्वयं करके पौधों में हो रहे परिवर्तनों को महसूस किया ।


विज्ञान शिक्षिका श्रीमती चिंचू जे ने जैविक संरचना में कोशिकाओं एवं ऊतकों के महत्व पर प्रकाश डाला । भौतिक शास्त्र के शिक्षक श्री मनोज कुमार ने छात्राओं को विभिन्न प्रयोगों के माध्यम से प्रेरित किया । उन्होंने न्यूटन व आइंस्टीन की थ्योरी को प्रयोग के माध्यम से सिध्द किया । जीव विज्ञान के शिक्षक श्री मनीष झा ने मानव हृदय की संरचना तथा किडनी के महत्वपूर्ण कार्य के बारे में छात्राओं को बताया ।

विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि सतत रूप से प्रयोग कर एक निश्चित निष्कर्ष पर पहुँचना ही विज्ञान है । आज विश्व की सभी महिलाओं का भी विभिन्न अनुसंधानों में विशेष योगदान है । उनके जज्बों और हौसलों को नमन । पहले जहाँ वे सिर्फ चार दीवारी में ही सिमटकर रह जाती थीं वहीं आज वे प्रत्येक खोजों व आविष्कारों में अपना योगदान दे रही है तथा पुरूषों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चल रही है । आज विश्व की महिलाएँ अर्श से फर्श तक सड़क से संसद तक अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रही है । आज जहाँ एक ओर महिलाएँ जमीन के गर्भ के अंदर से हीरा निकाल रही है तो वहीं दूसरी ओर अंतरिक्ष के रहस्यों से भी पर्दे उठा रही है ।