जनपद पंचायत पाली में 25 वर्षों से भी अधिक समय से अंगद की तरह पैर जमाए बैठे है ट्राईबल के कर्मचारी, मलाईदार कुर्सी में बैठकर भर्राशाही को दे रहे अंजाम

-:जुगाड़ के आगे नियम- कायदे फेल:-


कोरबा/पाली:- शासकीय विभागों में पदस्थ रहने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को एक जगह से दूसरे जगह इसलिए स्थानांतरित किया जाता है कि जब उनको एक ही जगह पर अधिक समय हो जाता है तो लोगों से बने संबंधों को लेकर वह शासन की योजनाओं का आमजन को लाभ देने में भेदभाव पूर्ण रवैया ना अपना सके। लेकिन जिले के पाली मुख्यालय में संचालित जनपद पंचायत कार्यालय में ट्राईबल विभाग के कर्मचारी 25 वर्षों से भी अधिक समय से अटैचमेंट के रूप में कार्य कर रहे है, जिनका तबादला तो हुआ किंतु प्रभारवाद के चक्कर मे एक ही जगह पर जमे हुए है।

बता दें कि पाली जनपद पंचायत कार्यालय में अटैचमेंट ट्राईबल विभाग के बाबू लखनलाल सूर्यवंशी व महेश राठौर जो 25 वर्ष से भी अधिक समय से अंगद के पैर के समान एक ही स्थान पर जमे हुए है। तथा ट्राईबल का एक अन्य कर्मचारी मनीष कंवर भी 7- 8 वर्ष से जनपद की कुर्सी से चिपके हुए है। स्थानांतरण नीति में ट्राईबल के उक्त कर्मचारी प्रभावित हुए थे किंतु जनपद की मलाईदार कुर्सी छोड़ने का मोह नही छूटने की वजह से जुगाड़ लगा- लगाकर काफी लंबे समय से जमे रहकर मनमानी पूर्वक काम करते हुए अकूत संपत्ति के स्वामी भी बन गए है। ऐसे में जुगाडू कर्मचारियों के पहुँच के आगे स्थानांतरण नीति भी शिथिल होने के साथ शासन के सारे नियम- कानून तक कमजोर पड़ गए है। जहां इनके मर्जी के बगैर इनका तबादला भी शायद मुमकिन नही। कई बार सरपंच- सचिव भी इस बात को स्वीकार करते है कि लंबे अर्से से एक ही जगह पदस्थ कर्मचारी रौब झाड़ते है और दक्षिणा के बिना फाईल आगे नही सरकती, लेकिन इन बाबुओं की लिखित शिकायत करने से परहेज करते है, जिसके कारण इनकी कार्यशैली भर्राशाहीपूर्ण हो चली है। जिनके रवैये पर लगाम लगाने में जनपद पंचायत पाली के मुखिया भी असफल साबित हो रहे है, क्योंकि माननीय महोदय खुद ही विकासखण्ड मुख्यालय में न रहकर जिला मुख्यालय से आना जाना करते है और स्वयं जब अनुशासित नही है तो फिर अपने मातहत कर्मचारियों पर लगाम लगाने में कैसे सफल होंगे। यही कारण है कि यहां के कर्मचारी भी मनमर्जी होकर कार्यालय पहुँच रहे है और समय से पूर्व ही कार्यालय छोड़कर गतंव्य की ओर रवाना हो रहे है। जिनके कार्यरवैये से शासन द्वारा चलाई जा रही अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं भी प्रभावित हो चली है। शासन को चाहिए कि लंबे अर्से से एक ही जगह जमे ऐसे नौकरशाहों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए स्थानांतरण किया जाए, जिससे शासकीय योजनाओं का सही संचालन के साथ कार्यालयीन कार्य भी सुचारू रूप से चल सके।