इमरान ने फिर छेड़ा ‘कश्मीर राग’, कहा- भारत के साथ चाहते हैं संबंध सामान्य करना, मगर कश्मीर बड़ा मसला

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) ने कहा कि सत्ता संभालने के बाद भारत (India) के साथ संबंधों को सामान्य बनाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है. ‘चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ फुडान यूनिवर्सिटी’ की सलाहकार समिति के निदेशक डॉ. एरिक ली को दिए एक साक्षात्कार में खान ने कहा कि बहरहाल, दोनों देशों के बीच कश्मीर विवाद (Kashmir Issue) एक बड़ा मसला है. यह बातचीत तीन से छह फरवरी तक उनकी चीन (China) की यात्रा के दौरान लिए गए साक्षात्कार का अंश है. सरकारी ‘एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान’ (APP) ने गुरुवार को यह जारी किया.

खान ने 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (China-Pakistan Economic Corridor) और ग्वादर बंदरगाह को लेकर पश्चिमी देशों के संदेह को खारिज करते हुए कहा कि ये परियोजनाएं क्षेत्रीय विकास के लिए बड़ा अवसर हैं. सरकारी मीडिया ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) को बार बार कहा है कि जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा. भारत ने यह भी कहा है कि पड़ोसी देश को हकीकत स्वीकार करना चाहिए और भारत विरोधी दुष्प्रचार बंद कर देना चाहिए.

आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त संबंध चाहता है भारत

भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह इस्लामाबाद के साथ ऐसे माहौल में सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है जिसमें आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा न हो. भारत ने कहा है कि आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाना पाकिस्तान पर निर्भर है. खान ने कहा, ‘CPEC और ग्वादर बंदरगाह को लेकर संदेह का कोई मतलब नहीं है. हम अन्य देशों को भी शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं.’ उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल पाकिस्तान और चीन बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए फायदेमंद साबित होंगी. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से गरीबी उन्मूलन और समृद्धि लाने में मदद मिलेगी.

गौरतलब है कि भारत ने CPEC को लेकर चीन के समक्ष विरोध जताया है क्योंकि यह परियोजना कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से से होकर गुजरती है. चीन के मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में उइगर के नरसंहार पर अमेरिका तथा यूरोप के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर खान ने कहा कि प्रांत की उनकी यात्रा के बीच चीन में पाकिस्तान के राजदूत से मिली खबरें पूरी तरह अलग हैं. चीन के साथ पाकिस्तान के संबंधों पर खान ने कहा कि दोनों देशों के बीच दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है. उन्होंने कहा कि 70 सालों में चीन के साथ संबंध निरंतर रहे हैं, चाहे कोई भी सरकार सत्ता में रही हो.

‘अमेरिका ने अफगान लोगों के इतिहास से नहीं सीखा’

अमेरिका तथा चीन के साथ संबंधों में संतुलन बनाने के एक सवाल पर प्रधानमंत्री खान ने कहा कि पाकिस्तान 70 के दशक में दोनों प्रतिद्वंद्वियों को साथ लाने में निभाई गयी अपनी भूमिका को दोहराना चाहेगा. अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी के बाद की स्थिति पर उन्होंने कहा कि अमेरिका ने अफगान लोगों के इतिहास से सीखा नहीं और स्थिति मानवीय संकट की ओर बढ़ सकती है. उन्होंने कहा, ‘जब आपके पास कोई स्पष्ट उद्देश्य न हो कि आपने देश पर हमला क्यों किया तो यह नाकामी है.’ खान ने कहा कि तालिबान सरकार को सबक सिखाने की कोशिश में वर्षों तक लगे रहने के कारण अफगानिस्तान में एक बड़ा मानवीय संकट पैदा हो रहा है.