कांग्रेस न होती तो इमरजेंसी का कलंक न होता, सिखों का नरसंहार न होता, लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता: राज्यसभा में बरसे पीएम मोदी

संसद में बजट सत्र (Budget Session 2022) के 7वें दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने अपने शब्दों से कांग्रेस (Congress) पर जमकर प्रहार किया. उन्होंने राज्यसभा में कहा, अगर महात्मा गांधी के इच्छानुसार कांग्रेस न होती तो इमरजेंसी का कलंक न होता, सिखों का नरसंहार न होता, लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता. लोकतंत्र और बहस भारत में सदियों से चल रहा है और कांग्रेस की परेशानी यह है कि परिवारवाद के आगे उन्होंने कुछ सोचा ही नहीं.

पीएम मोदी ने कहा, भारत के लोकतंत्र को सबसे ज्यादा खतरा परिवारवादी पार्टिंयों से है. इसमें सबसे पहली कैजुअल्टी टेलेंट की होती है. उन्होंने कहा कि संसद में कहा गया कि कांग्रेस न होती तो क्या होता, इसका जवाब मैं देता हूं. महात्मा गांधी की ही यह इच्छा थी. अगर उनकी इच्छा के अनुसार अगर कांग्रेस न होती तो आज लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता. अगर कांग्रेस न होती तो आपातकाल का कलंक न होता. अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता.

यूपीए काल से महंगाई की तुलना करें तो पता चलेगा महंगाई क्या होती है?

राज्यसभा में जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यूपीए काल से महंगाई की तुलना करें तो पता चलेगा महंगाई क्या होती है. उन्होंने कहा कि यूपीए काल में महंगाई दहाई अंक में थी. अगर अमेरिका की तुलना करें तो भारत में महंगाई कम ही है. हम महंगाई को रोकने की हर संभव कोशिश कर रह रहे हैं.

कोरोना काल में 80 करोड़ से भी अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस कोरोना काल में 80 करोड़ से भी अधिक देशवासियों के लिए इतने लंबे कालखंड के लिए मुफ्त में राशन की व्यवस्था की गई, ताकि ऐसी स्थिति कभी पैदा न हो कि उनके घर का चूल्हा न जले. भारत ने ये काम करके दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है.पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के दौरान 5 करोड़ ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं

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