टीबी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बनाई योजना

0 ट्राईबल टीबी इनिशिएटिव के तहत चलाया जाएगा सक्रिय खोज अभियान

जगदलपुर 7 फरवरी (वेदांत समाचार)।  भारत सरकार के निर्देश पर टीबी रोग उन्मूलन के लिए देशभर के 100 अनुसूचित जनजाति बहुल जिलों में संचालित 100 दिन 100 जिला अभियान अब बस्तर में भी प्रारंभ होगा। भारत सरकार ने 2025 तक पूरे देश को टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से ” ट्राइबल टीबी इनिशिएटिव” अभियान चलाया जा रहा है जिसमे बस्तर संभाग के 7 जिले सहित राज्य के कुल 19 जिले शामिल हैं। इस अभियान के तहत लोगों को टीबी के प्रति जागरूक एवं संभावितों की जांच की जानी है। ट्राईबल टीबी इनिशिएटिव के लिए पिरामल स्वास्थ्य को 2025 तक टीबी उन्मूलन पहल के लिये क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में चयनित किया गया है । टीबी जैसे संक्रामक रोग को फैलने से रोकने के लिए पिरामल स्वास्थ्य ने विशेष पहल करते हुए मरीज के घर पर ही जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।

जिला क्षय नियंत्रण नोडल अधिकारी डॉ.सी.आर.मैत्री ने बताया: “ट्राइबल मिनिस्ट्री और हेल्थ मिनिस्ट्री की देख रेख में जिला के आदिवासी बहुल जनजातीय क्षेत्रों में टीबी की कड़ी को तोड़ने व्यापक अभियान चलाया जाएगा। प्रारम्भिक चरणों के लिये जिले के लगभग 15 ग्रामों का चयन किया गया है। बस्तर में टीबी मरीजों की पहचान करने संयुक्त टीम ने गांव स्तर पर सक्रिय खोज अभियान चलाया जाएगा। टीबी संबंधित लक्षण पाए जाने पर मरीज के बलगम की जांच की जाएगी। रोग की पुष्टि होने के बाद मरीज को स्वास्थ्य विभाग ने निःशुल्क रूप से टीबी का उपचार प्रदान किया जाएगा एवं दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी।

इस संबंध में जानकारी देते हुए पिरामल स्वास्थ्य से जुड़े रोहित यादव ने बताया:“टीबी जागरूकता कार्यक्रम को प्रभावी बनाने को पिरामल स्वास्थ्य की टीम जिले की गतिविधियों की कार्ययोजना, निष्पादन और पर्यवेक्षण का कार्य करेगी। एक्टिव केस फाइंडिंग के तहत आशा, स्वास्थ्य कर्मी, विभागीय अधिकारियों एवं जांच केंद्रों के तकनीकी कर्मियों के सहयोग से एक सूक्ष्म कार्ययोजना के आधार पर जिले के सभी गांवों, कस्बों, मोहल्लो में घर-घर जाकर टीबी लक्षण वाले संभावित मरीजों की पहचान की जाएगी।