सुप्रीम कोर्ट से फ्यूचर ग्रुप को मिली राहत, अमेजन संग विवाद के मामले की नए सिरे से सुनवाई के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में भेजा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फ्यूचर ग्रुप (Future group) को बड़ी राहत दी है. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) के पिछले आदेशों को रद्द कर दिया. इसने मामले में नए सिरे से सुनवाई के लिए केस को फिर से हाईकोर्ट में भेज दिया. भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना (NV Ramana) की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ फ्यूचर ग्रुप की कंपनियों (Future Group Firm) द्वारा दायर याचिकाओं के एक बैच पर अपना फैसला सुना रही थी.

कंपनियों द्वारा दायर याचिकाओं में फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की संपत्ति बिक्री सौदे के लिए नियामक और प्रक्रियात्मक कदमों के साथ आगे बढ़ने की अनुमति मांगी गई थी. किशोर बियानी के नेतृत्व वाले ग्रुप ने दिल्ली हाईकोर्ट के दो आदेशों को चुनौती दी थी. चुनौती के तहत पहले आदेश में कहा गया था कि सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर के नियमों के तहत पारित आपातकालीन अवार्ड लागू करने योग्य था और इस तरह लगभग 25,000 करोड़ रुपये की संपत्ति बिक्री सौदे पर रोक लगानी होगी. इस आदेश पर भी रोक लगाने का असर पड़ा.

चुनौती के तहत हाईकोर्ट के दूसरे आदेश ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर-शासित न्यायाधिकरण के उस फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था जिसमें स्टे को हटाने से इनकार कर दिया गया था.

क्या है रिलायंस-फ्यूचर डील?

फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल के पास बिग बाजार जैसे बड़े रिटेल ब्रांड का स्वामित्व है. वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज का इरादा देश के रिटेल बाजार में अपनी पहुंच बनाना है. इसे ध्यान में रखते हुए दोनों कंपनियों के बीच 29 अगस्त 2020 को 24,713 करोड़ रुपये का एक सौदा हुआ. सौदे के तहत रिलायंस को बिग बाजार के साथ-साथ फ्यूचर ग्रुप के अन्य रिटेल, गोदाम, लॉजिस्टिक और थोक कारोबार का मालिकाना हक दिया जाना है.

अमेजन के साथ क्या विवाद है?

दरअसल, अब इस सौदे में अमेजन के साथ एक विवाद है. फ्यूचर रिटेल में फ्यूचर ग्रुप की ही एक और कंपनी फ्यूचर कूपन्स की हिस्सेदारी है. फ्यूचर कूपन्स में 2019 में अमेजन ने 49 फीसदी का निवेश कर इसे अपना बनाया. वहीं, अमेजन को ये अधिकार भी मिला कि भविष्य में अगर कंपनी को बेचा जाता है तो वह उसे खरीदने वाला पहला खरीददार होगा. इस वजह से ही किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप को रिलायंस के साथ सौदा करने में परेशानी होती है. अमेजन इस मामले को लेकर सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत तक पहुंच चुका है.