भारतीय सेना के एक टॉप ऑफिसर ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सशस्त्र बलों के लिए साल 2021 ऐतिहासिक साल रहा. उन्होंने कहा कि सैनिकों ने दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में आक्रामक मंसूबों के खिलाफ खड़े होने में साहस दिखाया. उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर-कमांडिंग इन चीफ (जीओसी-इन-सी), लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद संबंधित घटनाओं और पथराव की गतिविधियों में कमी आई है. जम्मू-कश्मीर में उत्तरी कमान के मुख्यालय में जोशी ने कहा, ‘सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रयास के चलते आतंकवादी संबंधित घटनाओं, पथराव गतिविधियों और विरोध प्रदर्शनों में कमी आई है.’
इससे पहले समारोह में, उन्होंने कमान प्रणाली में असाधारण और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 40 यूनिट्स को जीओसी-इन-सी की प्रशस्ति और 26 इकाइयों को जीओसी-इन-सी का प्रशस्ति प्रमाण-पत्र दिया. ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन रक्षक, ऑपरेशन नॉर्दर्न बॉर्डर्स और कमान में अन्य अभियानों में इकाइयों के प्रदर्शन के लिए जीओसी-इन-सी का प्रशस्ति पत्र दिया गया.
ऑपरेशन ‘स्नो लेपर्ड’ में यूनिट्स के प्रदर्शन के लिए जीओसी-इन-सी के प्रशस्ति प्रमाण-पत्र दिए गए. यह अभियान चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में वापस जाने और यथास्थिति बहाल करने से इनकार करने के बाद शुरू किया गया था. रक्षा प्रवक्ता ने बताया, ‘यह समारोह उत्तरी कमान में अपने कार्यकाल के दौरान इकाइयों द्वारा उनकी अभियान भूमिकाओं में पेशेवर रवैये की सराहना करने और पहचानने का अहम अवसर रहा.’
रक्षा प्रवक्ता ने कहा, ‘यह समारोह उत्तरी कमान में अपने कार्यकाल के दौरान इकाइयों द्वारा निभाई गई परिचालन भूमिकाओं में व्यावसायिकता की सराहना करने और पहचानने का एक महत्वपूर्ण अवसर था.’ इस दौरान सेना के कमांडर ने भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं में कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए उत्तरी कमान के सभी रैंकों की जमकर तारीफ की. उन्होंने आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में अपने प्राणों की बलि देने वाले वीर जवानों के प्रति भी हार्दिक आभार व्यक्त किया.
[metaslider id="347522"]