पैसे क्या पेड़ पर उगते हैं? लाल चंदन की कहानी पढ़ेंगे तो आपको भी यही लगेगा… पुष्पा फिल्म तो देखी होगी आपने!

दक्षिण भारत की फिल्म पुष्पा (Pushpa: The Rise) आपने देखी या नहीं? अरे वही अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) वाली फिल्म ‘पुष्पा: द राइज’, जिसने पहले थियेटर्स में धमाल मचाया और ​फिर ओटीटी पर. हिंदी समेत चारों भाषाओं में फिल्म इतनी पसंद की गई कि अबतक इसकी चर्चा हो रही है. सोशल मीडिया पर तो फिल्म को लेकर खूब बाते हो रही हैं. खैर हम यहां फिल्म पर बातें नहीं करने वाले. हम बात करेंगे उस बेशकीमती लकड़ी ‘लाल चंदन’ (Red Sandalwood) के बारे में. यह फिल्म इसी लाल चंदन की तस्करी पर आधारित है, जिसमें एक मजदूर के करोड़पति बनने की कहानी दिखाई गई है.

चलिए फिल्म की कहानी से निकलते हैं और बात करते हैं, इस लाल चंदन के बारे में. लाल चंदन को रक्त चंदन भी कहा जाता है और इसे लाल सोना भी कहा जाए तो गलत न होगा. इसकी एक गठरी भी आपके पास हो तो आप मालामाल बन सकते हैं. एक तो चंदन की लकड़ी ही इतनी महंगी होती है. ऊपर से चंदन में भी यह लाल चंदन है.

कहां पाए जाते हैं लाल चंदन के पेड़?

लाल चंदन के पेड़ दक्षिण भारत के राज्य आंध्र प्रदेश की शेषाचलम पहाड़ियों में पाए जाते हैं. ये पहाड़ियां तमिलनाडु की सीमा से लगने वाले आंध्र प्रदेश के चार जिलों नेल्लोर, कुरनूल, चित्तूर, कडप्पा में पड़ती हैं. यहां को छोड़ दुनिया में कहीं भी ऐसे लाल चंदन के पेड़ नहीं होते हैं. शैव और शाक्त मत को मानने वाले लोगों के बीच पूजा के लिए इस लकड़ी का बड़ा ही महत्व होता है. इसे बेहद पवित्र माना जाता है. शेषाचलम पहाड़ियों में ही ये कीमती पेड़ उगते हैं. लाल चंदन की लकड़ी पानी में डूब सकती है और यह इसका अनोखापन है, एक तरह से पहचान भी. लाल चंदन के पेड़ औसतन 8 से लेकर 11 मीटर तक ऊंचे होते हैं.

कैसा होता है लाल चंदन?

यूं तो सफेद और पीले चंदन भी होते हैं, लेकिन यह रक्त चंदन बहुत अलग होता है.  रिपोर्ट के मुताबिक, इसका वैज्ञानिक नाम Pterocarpus Santalinus होता है. पीले चंदन में सुगंध होती है, जबकि लाल चंदन में कोई सुगंध नहीं होती है. यह बहुत ही गुणकारी माना जाता है. आयुर्वेद में इसके कई उपाय बताए गए हैं. औषधीय गुणों वाले लाल चंदन का प्रयोग सुंदरता को निखारने में भी किया जाता है. इसके फर्नीचर बनाए जाने पर काफी महंगे होते हैं. इन उपयोगों के अलावा सजावट और अन्य इस्तेमाल के कारण यह काफी हाई डिमांड में होती है.

यहां देखें तस्‍वीर:

Red Sandalwood Prices

बेशकीमती लकड़ी, विदेशों में हाई डिमांड

रक्त चंदन के पेड़ दुनियाभर के लिए दुर्लभ हैं. यह बेशकीमती लकड़ी होती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक किलो लाल चंदन की कीमत 90 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक बताई जाती है. यानी एक क्विंटल की कीमत 9 करोड़ से लेकर 15 करोड़ रुपये तक हो जाती है. फर्नीचर, सजावटी सामान, पारंपरिक वाद्ययंत्रों के लिए इसकी ​हाई डिमांड रहती है. इस लकड़ी की सबसे ज्यादा मांग चीन में है. चीन के अलावा सिंगापुर, जापान, यूएई समेत कई देशों में इन लकड़ियों की हाई डिमांड होती है.

सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं STF के जवान

इस बेशकीमती लकड़ी की तस्करी न हो, इसके लिए इसकी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहती है. सड़क, जल और आ​काश… तीनों रास्ते से रक्त चंदन की लकड़ियों की तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं. पकड़े जाने से बचने के लिए कई बार तस्कर इसका पाउडर बनाकर ले जाते हैं. इसकी तस्करी रोकने के लिए और गैरकानूनी गतिविधियों पर नजर बनाए रखने के लिए इलाके में एसटीएफ के जवानों की तैनाती रहती है.

तस्करी रोकने के लिए कड़े कानून

देश में लाल चंदन की तस्करी रोकने के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं और लागू किए गए हैं. इसके बावजूद तस्कर बाज नहीं आते. न केवल लकड़ी, बल्कि इसके पाउडर की भी तस्करी होती है. इसी वजह से इन खास लकड़ियों की तादात पिछले कुछ वर्षों में कम हुई है. तस्करी हुए पकड़े जाने पर 11 साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. लाल चंदन के कई तस्करों को गिरफ्तार भ्धी किया जा चुका है. पुलिस इन इलाकों पर कड़ी नजर बनाए रखती है.