कोरबा, करतला 18 जनवरी (वेदांत समाचार)। जिले के ग्रामीण इलाकों में विकास और निर्माण कार्यों में मापदंडों की अनदेखी हो रही है। सरपंच/सचिव के द्वारा कराए जाने वाले अनेक कार्य या तो ठेका पद्धति से हो रहे हैं या फिर स्वयं ही ठेकेदार बनकर कार्य कराया जा रहा है। काफी लंबे समय तक नहीं टिक सकने वाले गुणवत्ताहीन कार्यों का खामियाजा वहां की जनता को ही भुगतना पड़ता है जबकि कार्य की राशि आधे-अधूरे काम के साथ ही निकाल ली जाती है। शिकवा-शिकायत होने पर जांच तो होती ही रहती है। बिना मापदंड कराए जा रहे ऐसे ही एक कार्य को आरईएस के एसडीओ ने आदेश जारी कर रुकवा दिया है।
निर्माण स्थल पर मौजूद जीरा गिट्टी
दरअसल जनपद पंचायत करतला के अंतर्गत ग्राम पंचायत फरसवानी के संजय नगर में सीसी रोड का कार्य सरपंच रामगोपाल बिंझवार द्वारा कराया जा रहा है। सरपंच तो नाम है, पर्दे के पीछे काम नेता जी करवा रहे हैं। यह कार्य तो प्रारंभ कर दिया गया लेकिन इसकी सूचना आरईएस के उपअभियंता को नहीं दी गयी। सीसी रोड के कार्य में जीरा गिट्टी का उपयोग किया जा रहा है और सीमेंट की मात्रा भी तकनीकी मापदंड के अनुरूप नहीं है। बिना मापदंड के कराए जा रहे कार्य की जानकारी पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उप संभाग करतला के नवपदस्थ एसडीओ ने फरसवानी के सरपंच/सचिव को कार्य तत्काल रोकने निर्देशित किया था। इसके बाद भी यह काम नहीं रुका तो उप अभियंता को भेजकर ताकीद कराई गई, किन्तु सरपंच रामगोपाल ने बात नहीं सुनी तो सचिव संतोष दीवान को संदेश भिजवाया गया तो उन्होंने भी कारण बताकर हाथ खड़े कर दिए।इधर एसडीओ ने 9 जनवरी को आदेश जारी कर कह दिया है कि पंचायत का कोई भी कार्य उप अभियंता की उपस्थिति बिना न कराया जाय। यदि मनमानी की जाती है तो इसकी शिकायत अधिकारी से की जाएगी। आरईएस के एसडीओ ने काम तो रुकवा दिया है लेकिन जितना दूरी तक जीरा गिट्टी से निर्माण हो गया है, उसका क्या होगा?क्या विभाग उस निर्माण को तुड़वा कर फिर से बनवायेगा, यदि ऐसा हुआ तो पूर्व के निर्माण में जो राशि खर्च हो चुकी है, उसकी भरपाई कैसे होगी? कुल मिलाकर सरकारी धन की ही बर्बादी की जा रही है।
कार्य का नहीं होगा मूल्यांकन, न सत्यापन : एसडीओ
इस मामले में एसडीओ श्री राठौर ने स्पष्ट किया है कि बार-बार मना करने के बाद भी अपने हिसाब से सरपंच द्वारा मनमाना कार्य कराया गया है। 14 वें वित्त की राशि से यह कार्य हुआ है जिसमें 20 एमएम की गिट्टी उपयोग होना था। इस कार्य का न तो मूल्यांकन कराया जाएगा और न ही सत्यापन। इस मनमानी की शिकायत उनके अधिकारी से भी की जाएगी। विभागीय निर्माण कार्यों में मनमानी और गुणवत्ता हीनता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। श्री राठौर ने बताया कि इस पत्र के बाद उन पर राजनीतिक दबाव भी बनाया जा रहा है किंतु जो गलत है वो गलत ही रहेगा।
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