बिलासपुर 18 .(वेदांत समाचार)। जोनल स्टेशन के 100 से अधिक कुली आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। दरअसल अधोसंरचना से जुड़े कार्यों को पूरा करने के लिए रेलवे ने अधिकांश ट्रेनें रद कर दी है। स्टेशन में गिनते के यात्री नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि दिनभर गुजरने के बाद बोहनी तक नहीं होती। सबसे बड़ी विड़ंबना यह है कि इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। पूरे समय में कुली स्टेशन में मायूस बैठे रहते है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर समाप्त होने के बाद ट्रेनें पहले की तरह चलने लगी थी। यात्रियों की भीड़ बढ़ने से कुलियों को काम भी मिलने लगा था। पर इसी बीच तीसरी लहर की दस्तक हुई और एक बार फिर यात्रियों की संख्या ट्रेनों में घटने लगी थी। इसके बाद भी थोड़ी बहुत आवक हो रही थी। पर रेलवे ने अब उसे भी बंद कर दिया है। कटनी सेक्शन हो या बिलासपुर- हावड़ा रेल मार्ग या फिर नागपुर मंडल सभी जगहों पर रेलवे अधोसंरचना का कार्य करा रही है।
इसका सीधा असर ट्रेनों के परिचालन पर पड़ा है। बिलासपुर- हावड़ा रेल मार्ग पर खरसिया- राबटर्सन के बीच चौथी लाइन को जोड़ने का काम चल रहा है। इसके चलते 16 ट्रेनें 26 जनवरी तक अलग- अलग तिथि में रद है। कुछ परिवर्तित मार्ग से भी चल रही है। यही वजह है कि जोनल स्टेशन में पूरे समय सन्न्ाटा पसरा रहता है। ढूंढने से भी यात्री नजर नहीं आते। यात्री ही नहीं आ रहे हैं तो कुली किनका बोझ उठाएंगे। वह इसके चलते परेशान है और मायूस भी है। उनका कहना है कि कुछ महीने से उनका रोजगार ठीक चल रहा था।
कमाई भी होने लगी थी। ऐसा लग रहा था कि मानों संक्रमण का कठिन दौर गुजर गया है और स्थिति पहले जैसी हो जाएगी। हालांकि तीसरी लहर की वजह से रेलवे ने ट्रेन तो रद नहीं की पर अधोसरंचना विकास कार्य के चलते थोक में ट्रेनें रद कर दी है। जिसके चलते आर्थिक परेशानी दोबारा शुरू हो गई है।
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