CG BREAKING : AIIMS में लग जाएगा पता, ओमिक्रान है या फिर डेल्टा से संक्रमित, नहीं होगी जीनोम सीक्वेंसिंग की जरुरत

रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में लगातार कोरोना संक्रमित (Corona Infected) मरीजों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। वर्तमान में अकेले रायपुर (Raipur) में ही एक्टिव मरीजों (Active Patients) की संख्या साढ़े 8 हजार के करीब है, वहीं प्रदेश की बात करें तो कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 31 हजार से ज्यादा है। इन 15 दिनों के भीतर प्रदेश में 45 से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है। दो राय नहीं कि प्रदेश में वैक्सीनेशन (Vaccination) की रफ्तार भी बनी हुई है और 99 फीसदी लोगों को पहला डोज, तो 67 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लग चुके हैं।

बावजूद इसके छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कोरोना संक्रमण (Corona Virus) में बढ़त जारी है। इसके लिए कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) को जिम्मेदार होने की आशंका जताई जा रही है। प्रदेश में इसकी जांच की सुविधा नहीं है, लेकिन अब रायपुर AIIMS में ऐसी RT-PCR जांच किट पहुंची है, जो बिना जीनोम सीक्वेंसिंग के ही ओमिक्रॉन वैरिएंट की पहचान करने में सक्षम है।

इस आधार पर होगी पहचान

बताया जा रहा है, AIIMS को जो किट मिली है उसकी जांच प्रक्रिया RT-PCR जैसी ही है। इस जांच में ओमिक्रॉन की पहचान के लिए नए मानक तय किए गए हैं। कहा जा रहा है पहचान का यह तरीका एस. जीन टार्गेट फेल्योर पर आधारित है। यानी जिस नमूने में एस. जीन नहीं होगा उसे ओमिक्रॉन से संक्रमित माना जाएगा। ICMR ने हाल ही में ही इस नए टेस्ट किट को मंजूरी दी है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार की ट्रीटमेंट कमेटी ने भी इस किट की सिफारिश की है। जल्दी ही राज्य सरकार की प्रयोगशालाओं में भी यह किट उपलब्ध हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो ओमिक्रॉन की पहचान में लग रहा समय काफी कम हो जाएगा। प्रदेश में अभी तक ओमिक्रॉन के 5 मामलों की पुष्टि हो पाई है। उनमें से कुछ तो एक महीने बाद आए। तब तक मरीज ठीक हो चुके थे।

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