भोपाल 14 जनवरी (वेदांत समाचार)। बिजली कंपनी में काम करने वाले दस हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को तीन महीने से बोनस नहीं दिया गया है। एक कर्मचारी को औसत 2500 से 3000 रुपये दिया जाना है। पूर्व से भी बोनस व ईपीएस की राशि रोकी गई है। यह राशि करोड़ों रुपये में हो चुकी है। ये कर्मचारी मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कार्यरत हैं।
इनकी संख्या भोपाल शहरी क्षेत्र में 500 और ग्रामीण इलाकों में 1,000 से अधिक है। होशंगाबाद, सीहोर, विदिशा, हरदा, बैतूल, रायसेन, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, सागर जिलों में मिलाकर 10 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी है। इन कर्मचारियों ने बोनस व ईपीएफ की राशि दिलाने की मांग की है। बिजली कंपनी ने आउटसोर्स एजेंसियों के जरिए इन्हें रखा है, इसलिए वेतन, बोनस, ईपीएफ और अन्य सुविधाएं इन्हीं एजेंसियों को देना है।
भोपाल शहरी इलाकों में पांच जनवरी और ग्रामीण इलाकों में आठ जनवरी के बाद दिसंबर 2021 माह के वेतन का भुगतान किया है। तब तक आउटसोर्स कर्मी परेशान होते रहे। कर्मचारियों ने बिजली कंपनी के अधिकारियों को शिकायत की थी। आवेदन भी दिए थे। मप्र आउटसोर्स बिजली अधिकारी कर्मचारी संगठन के श्रीराम विश्वकर्मा व राजकुमार महस्की ने बताया कि वेतन भुगतान की समयसीमा तय है, जिसका पालन नहीं किया जा रहा है।
बिजली कंपनी की ढिलाई आउटसोर्स एजेंसियों पर मूल कंपनी होने के कारण मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का नियंत्रण हैं। कंपनी के मानव संसाधन विभाग को वेतन व सुविधा संबंधी मामले देखने होते हैं, लेकिन इस विभाग पर आउटसोर्स कर्मचारियों के मामलों में लगातार उदासीनता बरतने के आरोप लग हैं। हालांकि बिजली कंपनी ने कुछ जिलों में आउटसोर्स एजेंसियों को हटा दिया गया है। उनकी जगह नई एजेंसियां रखी गई हैं।
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