कोरबा 14 जनवरी (वेदांत समाचार)। जिले के रामपुर क्षेत्र से विधायक और प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर के पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र पाण्डेय के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ई. ओ. डब्ल्यू) द्वारा कार्रवाई नहीं करने की जानकारी देते हुए पुलिस विभाग पर आरोपी को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
विधायक एवं पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने एक बयान में कहा है कि पुलिस विभाग के तत्कालीन ए. डी. जी. पी. द्वारा बैंक के पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र पाण्डेय और मुख्य कार्यपालन अधिकारी डी. सी. ठाकरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। देवेन्द्र पाण्डेय का नाम लिये बिना, पद का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि सहकारिता विभाग द्वारा जांच करने और कार्रवाई की अनुमति देने के बाद भी ई.ओ.डब्ल्यू कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा है कि अध्यक्ष के 05 वर्ष के कार्यकाल का लेखा-जोखा जांच के बाद शासन को सौंपा गया है। इसे पढ़कर आम नागरिक इनके कार्यकाल से अवगत हो जायेंगे।
सृष्टि इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एण्ड रिसर्च सेन्टर कोरबा के संरक्षक एवं विधायक कंवर ने यह बयान अपनी पत्नी पर लगाये गये आरोपों के परिप्रेक्ष्य में जारी किया है। सृष्टि के पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र पाण्डेय ने संस्था की पूर्व कोषाध्यक्ष श्रीमती शकु न्तला कंवर पर अनियमितता का आरोप गत दिवस लगाया था। इसके जवाब में विधायक कंवर ने कहा है कि उनकी पत्नी संस्था के चेक में केवल हस्ताक्षर करती थी। रकम निकालने का काम अध्यक्ष और अन्य कर्मचारी करते थे।
श्री कंवर ने कहा है कि उनकी पत्नी 05 वर्ष तक जनपद पंचायत में और 10 वर्ष तक जिला पंचायत में अध्यक्ष थीं। इन 15 वर्षों की कार्यअवधि में उनकी छवि बेदाग रही है। वे किसी से एक पैसा नहीं लेती थीं। उन्होंने कहा है कि जिनके ऊपर लाखों-करोड़ों रूपये घपला करने का लांछन लगा हो और मामला लंबित हो, वह व्यक्ति आरोप लगाता है, इससे शर्मनाक बात क्या हो सकती है? श्री कंवर ने विज्ञप्ति के साथ सहकारिता विभाग की जांच रिपोर्ट और ई.ओ.डब्ल्यू.में दर्ज प्राथमिकी की प्रतिलिपि भी मीडिया को उपलब्ध कराई है।
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