कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच तीसरी लहर की संभावना भी तेज हो रही है. दिल्ली, मुंबई समेत देशभर में कोरोना (Coronavirus) संक्रमण बढ़ता जा रहा है और वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Cases Rise) का संक्रमण भी फैल रहा है. ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों को इलाज की जरूरत पड़ रही है. वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण से मौतें भी हो रही हैं. डॉक्टर्स बताते हैं कि कोरोना का संक्रमण गंभीर न हो तो इसका इलाज (Coronavirus Treatment) बहुत ही सस्ता और आसान है. मामूली दवाओं का सेवन कर मरीज घर (Home Isolation) पर भी ठीक हो सकते हैं. वहीं, गंभीर संक्रमण वालों को हॉस्पिटल्स जाने की जरूरत है. इस बीच एक खबर फैल रही है कि कोरोना के इलाज के लिए सरकार 5000 रुपये दे रही है.
यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार कोरोना फंड के तहत लोगों को 5000 रुपये की सहायता राशि मुहैया करा रही है. ऐसा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से किया जा रहा है. दावा किया गया है कि सरकार की ओर से ही इस बारे में लोगों को मैसेज भेजा जा रहा है.
वायरल मैसेज में क्या है?
सोशल मीडिया पर वायरल इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से लोगों को कोरोना फंड से 5000 रुपये दिए जाएंगे. ‘सबका साथ, सबका विकास’ पंच लाइन के साथ ये मैसेज वायरल किया जा रहा है. इस मैसेज में लोगों को एक फॉर्म भरने के लिए कहा जा रहा है. उनसे कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार के स्वास्थ मंत्रालय की ओर से आपको कोरोना फंड के तहत 5000 रुपये दी जाएगी, इसलिए जल्द ही ये फॉर्म भरें.
क्या है वायरल मैसेज की सच्चाई?
वॉट्सऐप वगैरह पर वायरल हुए इस मैसेज के बारे में पड़ताल करने पर पाया गया कि केंद्र सरकार की ओर से ऐसी कोई सरकारी योजना नहीं शुरू की गई है. न ही राज्य सरकारों ने इस तरह की मदद का प्रावधान किया है. एक्सपर्ट्स लगातार बताते आ रहे हैं कि बहुत सारे संक्रमितों का इलाज घर पर ही संभव है. होम आइसोलेशन में रहते हुए मरीज प्रिस्क्राइब्ड दवाओं के जरिये ठीक हो सकते हैं. वहीं गंभीर संक्रमण की स्थिति में अस्पतालों में कोरोना का इलाज बिल्कुल मुफ्त में किया जा रहा है. जांच से लेकर दवाएं तक मुफ्त हैं. ऐसे में इलाज के लिए अलग से पैसों से मदद की दरकार भी नहीं है.
सरकारी एजेंसी ने भी किया खंडन
केंद्र सरकार की एक सूचना एजेंसी है- पीआईबी यानी प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो. इसकी एक फैक्ट चेक विंग है, जो सरकार और सरकार से जुड़े मंत्रालयों, विभागों की ओर से फैलाई जा रही अफवाहों और गलत सूचनाओं की पड़ताल कर उसका खंडन करती है और सच्चाई बताती है. पीआईबी फैक्ट चेक की टीम ने इसकी पड़ताल की और वायरल मैसेज को गलत पाया है. पीआईबी फैक्ट चेक की ओर से इस वायरल मैसेज को फेक बताया गया है. पीआईबी फैक्ट चेक की ओर से इस वायरल खबर का भी खंडन किया गया है और सच्चाई बताई गई है.
पीआईबी ने ट्वीट कर कहा है कि एक फर्जी मैसेज में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार के हेल्थ मंत्रालय द्वारा कोरोना फंड के तहत 5000 रुपये की धनराशि प्रदान की जा रही है. ऐसे फर्जी संदेशों को फॉरवर्ड न करें. इस तरह की संदिग्ध वेबसाइट पर अपनी किसी भी तरह की निजी जानकारी साझा न करें. लोगों को किसी भी तरह के लिंक पर क्लिक नहीं करने की सलाह दी जा रही है.
[metaslider id="347522"]