Sushant Singh Rajput Case: ड्रग मामले में एनसीबी को कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- बैंक खातों को जल्द करें डी-फ्रीज

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के इतने समय बाद भी इस मामले से जुड़ी चीजें चल रही हैं. हाल ही में एक विशेष अदालत ने इस हफ्ते अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद दायर ड्रग्स मामले में दो आरोपियों के खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया है. अदरअसल, उन खातों को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जरिए अवैध रूप से जब्त कर लिया गया था. इसमें दो आरोपियों, जय मधोक और जैद विलात्रा ने विशेष अदालत के सामने अलग-अलग आवेदन दायर कर कहा कि उनके बैंक खातों को एनसीबी ने जब्त कर लिया है. मधोक की याचिका में कहा गया है कि उसके दो बैंकों में खाते हैं. बैंक ने उसे पिछले साल अक्टूबर में सूचना दी थी कि वो किसी भी तरह के लेन-देन को रोक रहे हैं.

मधोक की याचिका में कहा गया है कि ऐसा कोई आरोप नहीं है कि बैंक खातों में कथित अपराध से संबंधित कोई इनकम है. उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 102 के तहत जरूरी रूप से मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं किया था. एनसीबी ने अपने स्पेशल पब्लिक प्रोसेक्यूटर (एसपीपी) के जरिए याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इसकी जांच जारी है. अदालत ने कहा कि सीआरपीसी के तहत पुलिस अधिकारी को जब्ती की रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को देनी होती है.

दो बैंक खातों को डी-फ्रीज करने की दी थी अनुमति

एडिशनल सेशंस जज डी बी माने ने अपने आदेश में कहा कि, “ऐसी रिपोर्ट के अभाव में, जांच अधिकारी के किए गए कार्य को अवैध माना जाता है. हालांकि, लर्न्ड एसपीपी ने जवाब दाखिल किया, लेकिन ये जवाब सीआरपीसी की धारा 102 की सब-सेक्शन 3 के कंप्लायंस के पॉइंट पर चुप है, “. उन्होंने दो बैंक खातों को डी-फ्रीज करने की अनुमति दी. आदेश में मधोक को एक हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया गया, जिसमें कहा गया था कि वो मामले के पेंडिंग रहने के दौरान जरूरी आदेश पारित करने के लिए खातों में बैलेंस अमाउंट अदालत को उपलब्ध कराएंगे. उन्होंने मुंबई में एनसीबी के जोनल यूनिट को संबंधित बैंकों को जरूरी पत्र जारी करने के लिए कहा.

विलात्रा को भी इसी तरह की राहत दी गई, जिन्होंने कहा कि उनके बैंक खाते को जरूरी प्रोसेस का पालन किए बिना जब्त कर लिया गया था. विलात्रा ने ये भी कहा कि राशि उनके रेस्टोरेंट बिजनेस से फायदे का हिस्सा है, नशीले पदार्थों की कथित बिक्री से कोई लेना-देना नहीं था और जब्ती के बाद उनके लिए अपने रोज के खर्चों को पूरा करना मुश्किल बना दिया था. उनके मामले में भी, अदालत ने कहा कि एनसीबी ने इस बारे में कोई तहरीर नहीं दी थी कि क्या जब्ती के बारे में मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट दी गई थी.

रिया चक्रवर्ती के बैंक अकाउंट को भी डी-फ्रीजिंग की अनुमति दी थी

नवंबर में, अदालत ने मामले में आरोपी अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के बैंक खातों को डी-फ्रीजिंग की अनुमति दी थी, जब उन्होंने एक याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि इसकी जब्ती उनके साथ गंभीर अन्याय कर रही है क्योंकि उन्हें अपने कर्मचारियों को भुगतान करना था, टैक्स लॉयबिलिटीज को पूरा करना था. अदालत ने इस हफ्ते एक आरोपी के फोन की वापसी और दूसरे को विदेश यात्रा करने के आवेदन की अनुमति दी, ये देखते हुए कि उसके खिलाफ जांच खत्म हो गई है और चार्जशीट दायर की गई है.