नेतृत्व की प्रतिबद्धता से छत्तीसगढ़ राज्य निरंतर विकास की ओर

रायपुर 8 जनवरी (वेदांत समाचार)। वर्ष 2022 छत्तीसगढ़ राज्य के लिए शुभ संदेश लेकर आया। छत्तीसगढ़ राज्य देश के उन चार राज्यों में शामिल है जहां बेरोजगारी की दर सबसे कम है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के अनुसार 2.1 फीसदी दर के साथ छत्तीसगढ़ राज्य कम बेरोजगारी वाले राज्यों में चौथे स्थान पर है।

बेरोजगारी देश की उन समस्याओं में शामिल है जिस पर नियंत्रण के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें हर जरूरी कदम उठाती हैं। चुनावों के दौरान पार्टियों के मैनिफेस्टो में बेरोजगारी नियंत्रण के अनेक वायदे किए जाते हैं। चुनावों के नतीजों पर इसका असर दिखता है। कोविड-19 शुरू होने के बाद रोजगार का मुद्दा पूरे देश में छाया हुआ है। कोरोना के कारण देश में तालाबंदी हुई। आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियां थमने का विपरीत असर नौकरियों पर हुआ। हालांकि हालात अभी भी सामान्य नहीं हुए हैं और कोरोना के कारण देशवासी भविष्य को लेकर अभी भी आशंकित हैं। उद्योगों में उत्पादन प्रभावित न हो और सेवा क्षेत्र से रोजगार मिलता रहे इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों की यह कोशिश देखने को मिल रही है कि लोगों की रोजी-रोटी सलामत रहे। उद्योग और सेवा क्षेत्र भी बढ़चढ़ कर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए परिस्थितियां सामान्य बनाए रखने में योगदान कर रहे हैं।

रोजगार के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी होती रहे, इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार और राज्य में कार्यरत उद्योगों की पहल रंग ला रही है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़े बताते हैं कि अनेक पैमानों पर छत्तीसगढ़ राज्य ने रोजगार के क्षेत्र में देश के दूसरे राज्यों की तुलना में बेहतरीन काम किया है। पिछले कुछ वर्षों की मेहनत का नतीजा है कि कोविड-19 के चुनौपूर्ण समय में भी राज्य में बेरोजगारी का आंकड़ा घट गया है।

यूं तो राज्य में स्टील, एल्यूमिनियम, कोयला, सीमेंट आदि आधारभूत उद्योग अरसे से कार्यरत हैं जिनके जरिए बड़ी संख्या में राज्य और देश भर के नागरिक नियोजित हैं। भिलाई स्टील प्लांट, एसईसीएल, एनटीपीसी, भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड जैसे उद्योगों के जरिए राज्य को भारी राजस्व मिल रहा है जिनके माध्यम से सरकार अन्य क्षेत्रों में रोजगार सृजन की पहल कर रही है। राज्य में आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, आईआईआईटी, एम्स जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान उच्च गुणवत्ता के मानव संसाधन तैयार करने में योगदान कर रहे हैं जहां से निकले युवा छत्तीसगढ़ और देश के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत हैं।

राज्य में निवेश के अवसरों को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि बेरोजगारी के आंकड़ों में भविष्य में और भी कमी आ सकती है। उदाहरण के लिए, छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में बालको में वेदांता समूह का एक बड़ा निवेश प्रस्तावित है जिससे संयंत्र की उत्पादन क्षमता में लगभग दोगुना बढ़ोत्तरी हो जाएगी। जाहिर है, प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से भी युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेंगे। अच्छी बात यह भी है कि राज्य के उद्योगों में राज्य के ही युवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। आंकड़ों के अनुसार इस समय बालको में 83 फीसदी नियमित कर्मचारी और 86 फीसदी आउटसोर्स्ड कर्मचारी छत्तीसगढ़ राज्य से हैं। पिछले एक साल के दौरान ही बालको में आउटसोर्स्ड भर्ती का आंकड़ा 81 फीसदी के आसपास बैठता है। दूसरी बड़ी बात यह भी है कि राज्य के विभिन्न उद्योगों के जरिए युवाओं को कौशल विकास के अनेक अवसर मिल रहे हैं जिससे वे विभिन्न उद्योगों में नियोजित हो पा रहे हैं।

बहरहाल, छत्तीसगढ़ राज्य के प्रदर्शन से यह उम्मीद पुख्ता होती है कि कोविड के संकटकाल में भी नागरिकों का आत्मविश्वास कम नहीं हुआ है। राज्य सरकार उनके लिए यदि अनुकूल माहौल तैयार करे तो वह दिन दूर नहीं जबकि छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर देश में सबसे कम होगी।

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