जिले में रेत के अवैध कारोबारी बने पुलिस-प्रशासन का सिरदर्द

0 अवैध रेत उत्खनन को नहीं रोक पा रही खनिज विभाग की कार्रवाई

भिंड 7 जनवरी ( वेदांत समाचार )। चंबल में डकैत तो खत्म हो गए, लेकिन पुलिस और प्रशासन के लिए अवैध रेत खनन करने वाले अपराधी सिरदर्द बने हुए हैं। भिंड से ग्वालियर, दतिया तक सिंध नदी से अवैध। रेत उत्खनन में अपराधी तत्व हावी हैं। अंकुश लगाने का दावा करने वाले खनिज विभाग पर भी सवाल खड़े होते हैं।

अवैध खनन कर रेत से भरे वाहन तो जब्त हो कर लिए जाते हैं, लेकिन जुर्माना वसूलकर वाहन के साथ रेत भी जुर्माना देने वाले को सौंप दिया जाता है। रेत चोरी का केस किसी पर दर्ज नहीं कराया जाता है। भिंड के पूर्व जिला अभियोजक राम प्रताप सिंह कुशवाहा कहते हैं कि चोरी की रेत को वाहन के साथ सुपुर्दगी देना सरासर गलत है। ऐसे मामलों में पुलिस और खनिज महकमे को रेत चोरी का केस दर्ज करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट से भी यही दिशा-निर्देश हैं।

ताजा मामला 36 वाहनों का तीन रोज पहले

भिंड एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने रात डेढ़ बजे फूफ जाकर रेत और गिट्टी से भरे 42 वाहनों को जांच के लिए जब्त कराया। खनिज महकमे की जांच में 36 वाहनों में अवैध (चोरी की) रेत और गिट्टी भरी पाई गई। अब इन वाहनों को छोड़ने के लिए जुर्माने की प्रक्रिया अमल में है। खनिज कार्यालय में वाहन मालिकों की ओर से दस्तावेज पेश किए जा रहे हैं। जुर्माना वसूलकर इन वाहनों को छोड़ा जाएगा। खनिज निरीक्षक राकेश देशमुख का कहना है कि फूफ में जब्त किए गए वाहनों पर जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी। रेत चोरी का केस किसी पर दर्ज नहीं कराया गया है। अवैध रूप से रेत खनन के मामले में जब्त वाहन पर यही कार्रवाई की जाती है।

एक वर्ष में 50 लाख की रेत चोरों को ही सौंपी

वर्ष 2021 में अवैध खनन में शामिल वाहन, पोकलेन मशीन जब्ती सहित 172 कार्रवाइयों में खनिज महकमे ने एक करोड़ 55 हजार 840 रुपये जुर्माना तो वसूल किया, लेकिन वाहनों में भरी चोरी की रेत को जब्त कर नीलाम करने की कार्रवाई नहीं की। महकमे के पास इन वाहनों की रेत का लेखा-जोखा भी नहीं है। अनुमान के मुताबिक करीब 50 लाख रुपये की चोरी की रेत माफिया को ही सौंप दी गई है।