भारत ने हासिल किया ऐतिहासिक मील का पत्थर, कोरोना वैक्सीनेशन का आंकड़ा 150 करोड़ के पार

देशभर में कोरोना की तीसरी लहर की रफ्तार तेज हो गई है और संक्रमण के मामलों में भी लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. पिछले 24 घंटों में पूरे देश से कोरोना वायरस के 1.17 लाख नए मामले दर्ज किए गए. जिसके बाद कोरोना का खौफ एक बार फिर से बढ़ गया है. ऐसे में कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) अभियान पर बहुत अधिक जोर दिया जा रहा है और हर दिन लाखों की संख्या में लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. भारत ने कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव में ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल कर लिया है. देशभर में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की अब तक 150 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में गुरुवार को 94 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई गई. जिसके बाद कोरोना वैक्सीनेशन का कुल आंकड़ा अब 150 करोड़ हो गया है. देश में कोरोना (Coronavirus) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इसकी वजह ओमिक्रॉन (Omicron) वेरिएंट को माना जा रहा है. ओमिक्रॉन को लेकर अभी तक कई अध्यनय सामने आ चुके हैं. जिनसे पता चलता है कि यह वेरिएंट मरीजों में गंभीर स्थिति पैदा नहीं कर रहा है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ओमिक्रॉन को लेकर चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि ओमिक्रॉन जितनी तेजी से फैलेगा उतनी ही जल्दी नया वैरिएंट आ सकता है.

ओमिक्रॉन करेगा महामारी कां अंत!

WHO ने कहा कि तेज संक्रमण का उल्टा असर भी हो सकता है यानी खतरनाक भी हो सकता है. दूसरी तरफ अमेरिका के कुछ डॉक्टरों का कहना है कि इस वैरिएंट से 80 फीसदी से ज्यादा लोग संक्रमित होंगे. वहीं कुछ डॉक्टरों का यह भी कहना है कि ओमिक्रॉन वरदान साबित होगा और महामारी कां अंत भी यही वेरिएंट करेगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) का कहना है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) का ओमिक्रॉन वेरिएंट दुनियाभर में लोगों की जान ले रहा है और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए.

पुराने वेरिएंट की तरह ‘ओमिक्रॉन’ भी खतरनाक

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस ने गुरुवार को कहा कि नए वेरिएंट से रिकॉर्ड संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं. ये कई देशों में अपने से पहले के डेल्टा वेरिएंट को तेजी से पछाड़ रहा है. इसका मतलब है कि अस्पताल भर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘बेशक ओमिक्रॉन, डेल्टा की तुलना में कम गंभीर प्रतीत होता है. खासतौर से टीकाकरण करा चुके लोगों में, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसको हल्के में लिया जाना चाहिए. पुराने वेरिएंट की तरह ही ओमिक्रॉन भी लोगों को अस्पताल पहुंचा रहा है और लोगों को मार रहा है. यहां तक कि मामलों में तेजी भी इसी की वजह से देखने को मिल रही है.