नए साल का आगाज हो गया है, इसके साथ ही कलैंडर में वर्ष 2022 की गणना शुरू हो गई है. इसी के साथ ही नए साल के इस अवसर पर भारतीय सेना ने एक बार फिर पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. भारतीय सेना ने अपने इस प्रयास के तहत पाकिस्तान की सेना के समक्ष नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने की इच्छा जताई है.
नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की सेना को मिठाई भेंट की
भारतीय सेना ने नए साल का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए इस अवसर पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) में पाकिस्तानी सेना को मिठाई भेंट की है. भारतीय सेना की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना ने चिलेहाना-तिथवाल क्रॉसिंग पॉइंट पर पाकिस्तानी सेना को नए साल की मिठाई भेंट की है. इस दौरान भारतीय सेना ने गर्मजोशी के साथ नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने की इच्छा प्रदर्शित करते हुए पाकिस्तान को नए साल की शुभकामनाएं दी हैं. भारतीय सेना के अधिकारियों के मुताबिक इस क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सेना वर्षों से इस तरह के सद्भावना प्रयास करती रही है. उन्होंंने कहा कि ऐसे सद्भावना प्रयायों का लक्ष्य पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मधुर और मजबूत बनाना है. जिसे क्षेत्र में शांति सुनिश्चित की जा सके.
बीते वर्ष फरवरी से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति, लोगों ने की भारतीय सेना के इन प्रयासों की सराहना
भारतीय सेना के इन प्रयासों के चलते नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम जारी है और बीते साल फरवरी से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति बनी हुई है. जिसके तहत सीमावर्ती गांवों के लोगों को राहत मिली हुई है. तो वहीं लोगों ने नियंत्रण रेखा से लगे गांवों में शांति बनाए रखने के लिए भारतीय सेना के इन प्रयासों की सराहना की है. भारतीय सेना के एक अधिकारी ने कहा कि नए साल पर पाकिस्तान सेना को मिठाई भेंट करने का प्रयास इन्हीं प्रयासोंं में से एक है. जिसका लक्ष्य जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखना और क्षेत्र को विकास की दिशा में आगे बढाना है. उन्होंंने आशा जताई की भारतीय सेना के ये सकारात्मक प्रयास नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर लंबे समय तक शांति बनाए रखेंगे और दोनों सेनाओं के बीच संघर्ष विराम की स्थिति को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे. मालूम हो कि जब नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम लागू नहीं होता है, तो पाकिस्तान सेना की तरफ से गोलीबारी समेत रॉकेट से हमले किए जाते हैं, जो सीमावर्ती गांवों में जाकर गिरते हैंं. कई बार ऐसा हो चुका है कि पाकिस्तानी सेना की तरफ से किए गए हमलों से सेना के साथ ही सीमावर्ती गांंववालों को भी जान माल का नुकसार उठाना पड़ता है.