ब्लैक राइस : एंथोसायनिन पिगमेंट की वजह से इस चावल का रंग काला होता है. हाई न्यूट्रिशनल वैल्यू वाले इस चावल में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. सफेद चावल की तुलना में काफी कम फैट होता है. प्रोटीन, फाइबर और आयरन से भरपूर ये चावल हार्ट डिजीज और डायबटीज के खतरे को भी कम करते हैं. लिवर में मौजूद नुकसानदायक पदार्थों को निकालकर डिटॉक्स करते हैं.
रेड राइस : रेड राइस में एंथोसायनिन नाम का एंटी ऑक्सीडेंट होता है, जो चावल को लाल रंग देने का काम करता है. ये चावल कम कैलोरी वाला होता है और आयरन और फाइबर से भरपूर होता है. इसे खाने से जल्दी भूख नहीं लगती. हार्ट, डायबिटीज के मरीजों और वजन घटाने वालों के लिए ये बढ़िया विकल्प है.
ग्रीन राइस : ये बांस के बीज होते हैं. इन्हें इसे बैम्बू राइस या मुलायारी के नाम से भी जाना जाता है. ग्रीन राइस पोटेशियम और प्रोटीन का बेहतर सोर्स हैं. इन्हें हार्ट की सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है. लेकिन ये आसानी से मिल नहीं पाते क्योंकि इन्हें तभी इकट्ठा किया जा सकता है, जब बांस का जीवनचक्र पूरा हो गया हो.
ब्राउन राइस : ब्राउन राइस साबुत अनाज की कैटेगरी में आता है. सेहत को लेकर काफी सजग रहने वाले लोग इसका सेवन करते हैं. दरअसल चावल के ऊपर मौजूद ब्रैन लेयर में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं. ब्राउन राइस में इस लेयर को हटाया नहीं जाता. ब्रैन लेयर हटाने पर ये सफेद चावल बन जाता है. ब्राउन राइस फाइबर, प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला होता है. वजन कम करने वालों और डायबिटीज के मरीजों के लिए ये काफी अच्छा है.
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