कर्नाटक में धर्मांतरण करवाने वालों को होगी 10 साल की सजा, नया कानून लाने की तैयारी

कर्नाटक में सत्‍तासीन भाजपा सरकार राज्‍य में धर्मांतरण विरोधी कानून को और सख्त बनाने जा रही है. इसके ल‍िए बसवराज बोम्मई सरकार नया धर्मांतरण कानून लाने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के मुताबकि इसका मसौदा तैयार क‍िया जा चुका है, ज‍िसके पार‍ित होने के बाद कर्नाटक में धर्मांतरण करवाने वालों को 10 साल तक की सजा सुनाई जा सकती है. वहीं पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भी चुकाना होगा.

इस व‍िधानसभा सत्र में पेश क‍िया जा सकता है ब‍िल
कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार आगामी विधानसभा सत्र के दौरान नया धर्मांतरण विरोधी कानून का मसौदा पेश कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक सरकार की योजना आगामी सप्‍ताह कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार संरक्षण विधेयक 2021 बिल को व‍िधानसभा में पेश करने की है. इससे पूर्व मुख्‍यमंत्री बसवराज बोम्मई कई बार नए कानून के मसौदे को शीतकालीन सत्र के दौरान व‍िधानसभा के पटल पर रखने के संकेत दे चुके हैं, वहीं सरकार से जुडे सूत्रों का कहना है क‍ि सरकार प्रस्तावित कानून की संवैधान‍िक वैधता की जांच के लिए कई बैठकें आयोजित कर चुकी है. इसके बाद बीते द‍िनों हुई विधायक दल की हुई बैठक में भी कानून के नए मसौदे को व‍िधानसभा में पेश करने को लेकर सहमति बन चुकी है .

पुराने कानून में क्‍या है प्रावधान

कर्नाटक राज्‍य में मौजूदा समय में धर्मांतरण विरोधी कानून प्रभावी है. पुराने कानून के तहत राज्‍य में धर्मांतरण को बढावा और धर्मांतरण कराने के दोष‍ियों को राज्‍य के कानून के तहत तीन साल तक की सजा का प्रावधान है, जबक‍ि कानून के तहत दोष‍ियों पर 50 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

नए कानून में और क्‍या है

कर्नाटक सरकार से जुडे सूत्रों के मु‍ताब‍िक नए कानून में सामान्य जात‍ि के लोगों के धर्मांतरण कराने पर तीन से पांच साल तक की जेल और 25,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान क‍िया गया है, वहीं नाबालिगों, महिलाओं, एससी और एसटी समुदायों के लोगों का धर्म परिवर्तन कराने वालों पर नए कानून के तहत 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा, जबक‍ि उन्‍हें तीन से दस साल तक सजा सुनाई जा सकती है.