यूपी (UP) को लोगों को आज पीएम मोदी देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस वे की सौगात देने जा रहे हैं. पीएम मोदी शनिवार दोपहर करीब 1 बजे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शाहजहांपुर (Shahjahanpur) में गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे. इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी और यह गंगा एक्सप्रेस वे देश के सबसे ऊपजाऊ क्षेत्रों से होकर गुजरेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी में सुधार करेगा और आर्थिक विकास और पर्यटन को बढ़ावा देगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘आज दोपहर 1 बजे शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखने के कार्यक्रम में शामिल होऊंगा. यह एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना है जो पूरे उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी में सुधार करेगी. यह आर्थिक विकास और पर्यटन को भी बढ़ावा देगी.’ गंगा एक्सप्रेसवे 594 किमी लंबी और छह लेन वाली नई परियोजना है. इसे यूपीईआईडीए बना रहा है. यह प्रदेश के पश्चिम में स्थित मेरठ को पूर्व दिशा में प्रयागराज से जोड़ेगी और यह 12 जिलों- मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगी.
3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी बनेगी
काम पूरा होने पर यह राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ने वाला उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा. शाहजहांपुर में एक्सप्रेस-वे पर वायुसेना के विमानों के एमरजेंसी टेक-ऑफ और लैंडिंग में सहायता के लिए 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी. एक्सप्रेस वे के साथ एक औद्योगिक गलियारा भी बनाने का प्रस्ताव है. एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन आदि सहित कई क्षेत्रों को भी गति देगा. इससे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बड़ा बढ़ावा मिलेगा.
2024 तक बनकर तैयार होगा एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस-वे को 26 नवंबर 2020 को मंजूरी दी गई थी. यह एक्सप्रेस-वे 2024 तक बनकर तैयार होगा. एक्सप्रेसवे के लिए अब तक 94 प्रतिशत जमीन की खरीद प्रक्रिया हो चुकी है. गंगा एक्सप्रेस वे के लिए जब भूमि खरीदी जा रही थी, उस समय पूरे देश में कोरोना की लहर पीक पर चल रहा था. इसके बावजूद महज 1 साल में गंगा एक्सप्रेस वे के लिए 83 हजार किसानों से 94 फीसदी भूमि खरीदी गई है. वहीं, एक्सप्रेस वे बनने से एनसीआर तक भी लोगों की पहुंच आसान हो जाएगी और इलाके के भीतरी स्टेशनों और बस डिपों से कनेक्टिविटी सुधरेगी.
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