आंखफोड़वा कांड की जांच रिपोर्ट सामने, लोगों की आखें छीनने के लिए डॉक्टर-अस्पताल नहीं बैक्टीरिया जिम्मेदार !

बिहार के मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 20 से ज्यादा लोगों की आंख की रोशनी चली गई है. जबकि 15 से ज्यादा लोगों की आंखें निकालनी पड़ी. इस मामले में जिला प्रशासन के द्वारा गठित टीम ने जांच रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में कहा गया है मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल के दोनों ओटी में बैक्टीरिया का संक्रमण मिला है. इसकी वजह से आखों में इंफेक्शन हुआ है.

मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन के द्वारा गठित टीन ने जो रिपोर्ट दी है. उसमें चार सदस्यीय जांच टीम ने रिपोर्ट में कहा है कि मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद लोगों की आंख ओटी के सामान के संक्रमण से खराब हुई. आंख खराब होने के पीछे डॉक्टर जिम्मेदार नहीं हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि ओटी की जांच में दो बैक्टीरिया पाये गये. यही बैक्टीरिया मरीजों की आंख में चला गया जिससे लोगों की आंखें खराब हो गयीं.

चार सदस्यीय टीम ने की जांच

पीड़ितों की आंख की रोशनी जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एसीएमओ डॉ सुभाष प्रसाद सिंह के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम बनायी थी. टीम में एसकेएमसीएच से नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ राजीव कुमार सिन्हा, सदर अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ नीतू कुमारी, सदर अस्पताल के डॉ मो हसीब असगर शामिल थे

आई हॉस्पिटल के दोनों ओटी में संक्रमण

इधर एसकेएमसीएच के माइक्रो बायोलॉजी विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल के दोनों ओटी में बैक्टीरिया का संक्रमण मिला है. ओटी एक में बैक्टीरिया संक्रमण ओटी टेबल और ओटी ट्रॉली पर और ओटी दो में बैक्टीरिया का संक्रमण माइक्रोस्कोप और ओटी टेबल पर मिला है. माइक्रोबायोलॉजी के तीन सदस्यों ने यह रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग की चार सदस्यीय जांच टीम ने अपना ओपिनियन दिया है. इसमें कहा गया है कि मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद लोगों की आंख ओटी के सामान के संक्रमण से खराब हो गई. लोगों के आंख खराब होने के पीछे डॉक्टर जिम्मेदार नहीं हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि ओटी की जांच में दो बैक्टीरिया पाये गये. यही बैक्टीरिया मरीजों की आंख में चला गया जिससे लोगों की आंखें खराब हो गयीं.

माइक्रोबायोलॉजी लैब में इक्विपमेंट की जांच

जांच टीम का दावा है कि आई हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर की माइक्रोस्कोप से लेकर एसी रिमोर्ट तक की जांच माइक्रोबायोलॉजी लैब में की गयी. 30 नवंबर को एसकेएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी लैब के दो सदस्यों ने ओटी में जाकर माइक्रोस्कोप, ओटी टेबल, ओटी ट्रॉली, ओटी ड्रम, ओटी इंस्ट्रूमेंट्स, ओटी वाल, ओटी गेट और और ओटी में लगी एसी के रिमोट का स्वाब क्लचर जांच के लिए लिया. इधर, स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट ब्रह्मपुरा थाना को भी भेजी गयी है. इसके अलावा इस रिपोर्ट को आईएमए को भी भेजा गया है.

सीएम ने कही है कड़ी कार्रवाई की बात

मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद ऑपरेशन कांड पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी चिंता जाहिर की थी. सीएम ने कहा था दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी. इसके साथ ही पीड़ितों को आर्थिक मदद दी जाएगी. अब जब जिला प्रशाषण ने लोगों की आंखों की रोशनी जाने के लिए बैक्टीरिया और इंफैक्शन को जिम्मेदार ठहराया है तो फिर किसपर कड़ी कार्रवाई होगी.

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