मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने गुजरात की एक कंपनी के एक इंजीनियर (Engineer Death) सहित दो कर्मचारियों की मौत के मामले में कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज (FIR) करने के निर्देश दिए हैं. भोपाल (Bhopal) में दो दिन पहले एक सीवेज लाइन के मैनहोल की गहराई नापने जाते समय ये हादसा हुआ था.
मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग की ओर से मंगलवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंत्री सिंह ने भोपाल के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है कि सीवेज परियोजना में अंकिता कंस्ट्रक्शन के दो कर्मचारियों की मृत्यु पर भोपाल नगर निगम आयुक्त द्वारा की गई प्राथमिक जांच में प्रथम दृष्ट्या सुरक्षा मानकों में कमी पाई गई है.
नाबालिग श्रमिक रखने का भी आरोप
उन्होंने कहा कि ये तथ्य भी सामने आया है कि मृतक श्रमिक नाबालिग था. इससे यह स्पष्ट होता है कि अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा आपराधिक कृत्य किया गया है. घटना की गंभीरता को देखते हुए कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ गंभीर अपराध करने और नाबालिग श्रमिक को कार्य में रखे जाने के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाए.
इसके अलावा उन्होंने दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजन को 10-10 लाख रुपए देने के निर्देश भोपाल नगर निगम आयुक्त को दिए हैं. इस कंपनी ने साल 2018 में सीवेज लाइन बिछाने के लिए भोपाल नगर निगम से अनुबंध किया था.
पुलिस ने 20 फीट गहरे गड्ढे से निकाला
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के लाऊखेड़ी इलाके में 13 दिसंबर को एक सीवेज लाइन के मैनहोल की गहराई नापने गए अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी के फील्ड इंजीनियर दीपक कुमार सिंह और श्रमिक भरत सिंह की मौत हो गई थी. हादसे के बाद गांधी नगर थाने के प्रभारी अरुण शर्मा ने बताया था कि इंजीनियर दीपक कुमार सिंह (28) और उनके सहायक भरत सिंह (22) की मौत हो गई. दीपक उत्तरप्रदेश के कुशीनगर का था, जबकि भरत मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले का निवासी था.
उन्होंने कहा कि ये दोनों इस सीवेज लाइन के मैनहोल के अंदर इसकी गहराई नापने उतरे थे. ये दोनों गुजरात की अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी थे. शर्मा ने बताया कि कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी कि एक आदमी खुले मैनहोल में पड़ा है और जवाब नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा कि हम तुरंत वहां पहुंचे और दीपक को आसपास के लोगों की मदद से 20 फीट गहरे गड्ढे से निकाला.
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