रोज सुबह उठकर करें ये योगासन, बीमारियां रहेंगी कोसों दूर…

त्रिकोणासन – अपने पैरों को अलग रखें, एक हाथ जमीन पर और दूसरा हाथ ऊपर की ओर फैलाएं. संतुलन बनाए रखने के लिए आपको अपनी आंखें खुली रखनी होंगी. इस आसन के कई फायदे हैं क्योंकि ये ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है, ब्लड प्रेशर को कम करता है और फैट बर्न करने में मदद करता है.

उत्कटासन (कुर्सी मुद्रा) - ये आसन बिलकुल किसी काल्पनिक कुर्सी पर बैठने जैसा है. इस पोजीशन में आपको कम से कम 30 से 60 सेकेंड तक रहना चाहिए. इस मुद्रा में पूरे एक मिनट तक रहना काफी कठिन हो सकता है. हालांकि अगर आप इसे नियमित रूप से करते हैं तो आपको इसकी आदत हो जाएगी और इस स्थिति में अपना समय भी बढ़ा सकते हैं. ये आसन फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है. 

उत्कटासन (कुर्सी मुद्रा) – ये आसन बिलकुल किसी काल्पनिक कुर्सी पर बैठने जैसा है. इस पोजीशन में आपको कम से कम 30 से 60 सेकेंड तक रहना चाहिए. इस मुद्रा में पूरे एक मिनट तक रहना काफी कठिन हो सकता है. हालांकि अगर आप इसे नियमित रूप से करते हैं तो आपको इसकी आदत हो जाएगी और इस स्थिति में अपना समय भी बढ़ा सकते हैं. ये आसन फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है. 


भुजंगासन (कोबरा पोस्ट) - हाथों को जमीन पर मजबूती से रखते हुए पेट के बल लेट जाएं. सुनिश्चित करें कि आपके हाथ जमीन पर बेहद मजबूती से रखे हों. अपने धड़ को अपनी बाहों के सहारे ऊपर उठाएं. ये आसन सूर्यनमस्कार का भी हिस्सा है. आप इसे खाली पेट कर सकते हैं. अगर नियमित रूप से इसका अभ्यास किया जाए तो ये पूरे शरीर को फिट रखता है.

भुजंगासन (कोबरा पोस्ट) – हाथों को जमीन पर मजबूती से रखते हुए पेट के बल लेट जाएं. सुनिश्चित करें कि आपके हाथ जमीन पर बेहद मजबूती से रखे हों. अपने धड़ को अपनी बाहों के सहारे ऊपर उठाएं. ये आसन सूर्यनमस्कार का भी हिस्सा है. आप इसे खाली पेट कर सकते हैं. अगर नियमित रूप से इसका अभ्यास किया जाए तो ये पूरे शरीर को फिट रखता है.


वृक्षासन (वृक्ष मुद्रा) - सीधे खड़े हो जाएं और हाथों को ऊपर उठाएं. अपने हाथों को एक साथ रखें और बाहें ऊपर हो और बेहतर संतुलन के लिए एक जगह देखते रहें. अब एक पैर को विपरीत पैर के घुटने पर रखें. इस मुद्रा में कुछ देर के लिए रहें. ये आसन तंत्रिका और मांसपेशियों के कार्यों में सुधार करता है.

वृक्षासन (वृक्ष मुद्रा) – सीधे खड़े हो जाएं और हाथों को ऊपर उठाएं. अपने हाथों को एक साथ रखें और बाहें ऊपर हो और बेहतर संतुलन के लिए एक जगह देखते रहें. अब एक पैर को विपरीत पैर के घुटने पर रखें. इस मुद्रा में कुछ देर के लिए रहें. ये आसन तंत्रिका और मांसपेशियों के कार्यों में सुधार करता है.


बालासन (बाल मुद्रा) - घुटने जमीन पर रखें और सुनिश्चित करें कि दोनों पैर एक दूसरे को छू रहे हों. आपके घुटने पर्याप्त रूप से अलग होने चाहिए. अपनी हाथों को ऊपर उठाएं, सांस लें और सांस छोड़ते हुए अपने धड़ को अपने घुटनों पर रखें. इस आसन को करने में काफी आराम मिलता है. ये आसन ब्लड सर्कुलेशन में सुधार, चिंता और तनाव को कम करता है.

बालासन (बाल मुद्रा) – घुटने जमीन पर रखें और सुनिश्चित करें कि दोनों पैर एक दूसरे को छू रहे हों. आपके घुटने पर्याप्त रूप से अलग होने चाहिए. अपनी हाथों को ऊपर उठाएं, सांस लें और सांस छोड़ते हुए अपने धड़ को अपने घुटनों पर रखें. इस आसन को करने में काफी आराम मिलता है. ये आसन ब्लड सर्कुलेशन में सुधार, चिंता और तनाव को कम करता है.

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