भारत में कोविड वैक्‍सीनेशन पर संकट, प्रदूषण रोकने के लिए सबसे बड़ी सिरिंज फैक्‍ट्री बंद

नई दिल्‍ली. दिल्‍ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण (Pollution) से भारत में कोरोना के खिलाफ चल रहे वैक्‍सीनेशन अभियान को लेकर संकट पैदा हो गया है. वायु प्रदूषण (Air Pollution) को नियंत्रित करने के लिए एयर क्‍वालिटी मैनेजमेंट के तहत उठाए जा रहे कदम अब कोरोना वैक्‍सीनेशन की रफ्तार को धीमा कर सकते हैं. हाल ही में एनसीआर में प्रदूषण के मद्देनजर फरीदाबाद में 228 बड़ी फैक्‍ट्री या कारखानों को अस्‍थाई रूप से बंद किया गया है. इनमें भारत की सबसे बड़ी सीरिंज (Syringe) और नीडल (Needle) निर्माता फैक्‍ट्री हिंदुस्तान सिरिंज एंड मेडिकल डिवाइसेस लिमिटेड (HMD) भी शामिल है.

एचएमडी की फरीदाबाद-बल्‍लभगढ़ में 11 एकड़ में फैली इस फैक्‍ट्री को प्रदूषण नियंत्रण के उपायों के चलते बंद किया गया है. इस बारे में एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री के फोरम कॉर्डिनेटर राजीव नाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी भेजा है. जिसमें उन्‍होंने भारत में नीडल और सिरिंज की कमी पड़ने की आशंका भी जताई है. नाथ का कहना है कि भारत में कोरोना वैक्‍सीनेशन और अन्‍य टीकाकरण अभियानों में इस्‍तेमाल की जा रही कुल डिस्‍पोजेवल सिरिंज और नीडल की 66 फीसदी सप्‍लाई एचएमडी ही करती है. अगर इसकी ही फैक्‍ट्री को बंद किया जा रहा है तो यह काफी नुकसानदायक हो सकता है. एचएमडी के पास फैक्‍ट्री को चलाने के लिए पीएनजी की पूरी व्‍यवस्‍था है. इससे प्रदूषण भी नहीं फैलता. इसके साथ ही डीजल सेट्स भी हैं लेकिन उनका इस्‍तेमाल बहुत कम और बिजली या पीएनजी उपलब्‍ध न होने की स्थिति में किया जाता है. बावजूद इसके फैक्‍ट्री पर ताला लगना सही नहीं है.

फैक्‍ट्री रोजाना करती है डेढ़ करोड़ नीडल का उत्‍पादन


न्‍यूज18 हिंदी से बातचीत में नाथ ने आगे कहा कि एचएमडी की जिस फैक्‍ट्री को बंद किया जा रहा है वह रोजाना 150 लाख नीडल और करीब 80 लाख सिरिंज का उत्‍पादन रोजाना करती है. भारत में रोजाना करीब 175 से 200 लाख तक नीडल की रोजाना जरूरत पड़ती है लेकिन इसके बंद होने के बाद यहां का उत्‍पादन शून्‍य हो गया है. इसके साथ ही एचएमडी के पास भी देश में सप्‍लाई करने के लिए सिर्फ दो दिन का ही स्‍टॉक बचा है. सोमवार के बाद से नीडल और सिरिंज की कमी झेलनी पड़ सकती है.

लॉकडाउन में दी गई थी फैक्‍ट्री चलाने की अनुमति


नाथ ने बताया कि कोरोना को देखते हुए जहां अस्‍पतालों और अन्‍य जरूरी सेवाओं को पूरी तरह चलाने की अनुमति दी गई है जबकि स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं और टीकाकरण के लिए सबसे जरूरी उपकरणों की इस फैक्‍ट्री को बंद कर दिया गया है. इससे देश में नीडल और सिरिंज की कमी हो जाएगी. पिछले साल जब लॉकडाउन हुआ था तो सभी संस्‍थान, कारखाने, कंपनियां और प्रतिष्‍ठान बंद होने के बावजूद आपदा प्रबंधन के तहत एचएमडी को खोलने की अनुमति दी गई थी और उत्‍पादन जारी रखने के लिए कहा गया था लेकिन अब प्रदूषण का नाम लेकर इसे बंद किया गया है.

देश ही नहीं यूनिसेफ और डब्‍ल्‍यूएचओ को भी जरूरत


नाथ कहते हैं कि एचएमडी सिर्फ भारत में ही सिरिंज और नीडल की सप्‍लाई नहीं कर रही बल्कि विदेशों और खासतौर पर डब्‍ल्‍यूएचओ और यूनिसेफ को भी इन दोनों चीजों की सप्‍लाई कर रहे हैं. ऐसे में इस रुकावट के बाद देश और विदेश दोनों में सिरिंज और नीडल की कमी झेलनी पड़ सकती है. एचएमडी विश्‍व की सबसे ज्‍यादा डिस्‍पोजेबेल सिरिंज पैदा करने वाली कंपनी है. ऐसे में अगर समय रहते इसे शुरू नहीं किया गया तो भारत में कोरोना वैक्‍सीनेशन ड्राइव के प्रभावित होने की पूरी संभावना है.