Online Gaming For Kids: शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने अभिभावकों को ‘बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग (online gaming for kids) की बढ़ती लत’ के खिलाफ चेतावनी दी है साथ ही एक एडवाइजरी भी जारी किया है. शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि माता पिता को अपने बच्चों पर अधिक ध्यान देना चाहिए. ऑनलाइन गेम खेलने से “एक गंभीर गेमिंग लत” और “गेमिंग डिसऑर्डर” (Gaming Disorder) होता है, मंत्रालय ने देश भर में माता-पिता और बच्चों के लिए एक लिस्ट जारी की है जिसमें कहा कि क्या करना चाहिए. “गेमिंग कंपनियां भावनात्मक रूप से बच्चे को आगे लेवल तक ले जाने के लिए मजबूर करती है और ऐप को खरीदने के लिए कहती है. मंत्रालय ने कहा कि ऑनलाइन गेम इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि खिलाड़ी “खेल में प्रगति के लिए खुद को सीमा से आगे धकेलते हैं.
शिक्षा मंत्रालय द्वारा माता-पिता और बच्चों के लिए डिजिटल दुनिया (digital world), विशेष रूप से ऑनलाइन गेमिंग (online gaming) के डाउनसाइड्स को दूर करने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. सरकारी सलाह में, मंत्रालय ने माता-पिता से “ऑनलाइन खेलते समय वास्तविक और व्यक्तिगत जानकारी व्यक्तिगत जानकारी न देने और वेबकैम, निजी संदेश या ऑनलाइन चैट के माध्यम से किसी भी अजनबी से संवाद न करने की सलाह दी गई है. इसके अलावा बच्चों को ऑनलाइन मंच पर पहचान छुपाने के लिए बदला नाम का उपयोग नहीं करने का भी परामर्श दिया गया है.
प्रत्येक खेल के लिए आयु रेटिंग की जांच करे उसके बाद ही उस गेम के लिए आगे बढ़ें. किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार, उत्पीड़न जैसे मामले दिखे तो कानून प्रवर्तन के साइबर अपराध विभाग को इसकी रिपोर्ट करें. पैरेंट को अज्ञात वेबसाइटों से सॉफ्टवेयर और गेम डाउनलोड नहीं करने की चेतावनी भी दी. मंत्रालय ने दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि बच्चों को लंबे समय तक ऑनलाइन गेम खेलने की अनुमति न दें और उन्हें बीच-बीच में ब्रेक लेने के लिए कहें. माता-पिता इस बात का पूरा ध्यान रखें कि आपका बच्चा किन-किन चीजों से इंटरैक्ट कर रहा है.
इस बीच, बच्चों के मोबाइल गेम के आदी होने पर चिंता व्यक्त करते हुए, राज्यसभा सदस्य और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को मांग की कि सरकार को ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को विनियमित करना चाहिए और इस पर एक समान कर लगाना चाहिए.
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