17 साल की युवा शूटर ने अपनी ही पिस्टल से की आत्महत्या, खराब प्रदर्शन से थी निराश…

10 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। मोहाली के निशानेबाज नमनवीर सिंह बरार और हुनरदीप सिंह सोहल के बाद पंजाब की एक और निशानेबाज ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. फरीदकोट की रहने वाली 17 साल की निशानेबाज खुश सीरत कौर संधु ने अपने घर में खुद को गोली मार ली जिससे उनकी मौत हो गई. यह पिछले चार महीनों में तीसरा मामला है. यह पिछले खुश सीरत कई नेशनल मेडल जीत चुकी हैं. कहा जा रहा है कि हाल ही में दिल्ली में हुई नेशनल चैंपियनशिप में अपने प्रदर्शन से खुश सीरत काफी निराश थी.

पुलिस ने बताया कि उन्हें कंट्रोल रूम से जानकारी मिली की हरिंदर नगर की गली नंबर चार में किसी लड़की ने खुद को गोली मार ली है. जब वह वहां पहुंचे तो उन्हें खुश सीरत की लाश मिली. इस युवा निशानेबाज ने अपनी .22 की पिस्टल से खुद को सिर पर गोली मारी जिससे उसकी मौत हो गई. हालांकि उन्हें कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ. परिवार ने बताया कि वह अपने प्रदर्शन से खुश नहीं थी. पुलिस ने ऑटोप्सी के बाद पार्थिव शरीर परिवार को सौंप दिया है और जांच शुरू कर दी है.

मनु भाकर को पीछे छोड़ना चाहती थी खुशसीरत

खुशसीरत के पिता सरकारी स्कूल में पढ़ाते हैं वहीं उनकी मां पंजाब एग्रीकल्चर में यूनिवर्सिटी रिसर्च सेंटर में काम करती है. पिता ने बताया कि खुशसीरत को नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में किसी भी इवेंट में मेडल नहीं मिला था. हालांकि उसे देखकर परिवार को अंदाजा नहीं हुआ कि उसके दिमाग में ऐसा कुछ करने का विचार है. यह हादसा तब हुआ जब खुशसीरत ग्राउंड फ्लोर पर पढ़ रही थी. परिवार को इस बारे में सुबह जानकारी मिली. खुश सीरत ने शूटिंग से पहले स्वीमिंग में हाथ आजमाया था. चार साल पहले उन्होंने शूटिंग करना शुरू किया. वह हमेशा से स्टार शूटर मनु भाकर को पीछे छोड़ने का सपना देखती थी.

अभिनव बिंद्रा आत्महत्या के मामले बढ़ने से परेशान

खुशसीरत की कोच सुखराज कौर ने कहा, ‘उसमें सीखने की ललक थी. दिल्ली से आने के बाद वह काफी दुखी थी लेकिन हमने नहीं सोचा था कि वह ऐसा कुछ करेगी. हम साल में दो बार स्पोर्ट्स साइकोलोजिस्ट को बुलाता है. एक प्रतिभाशाली शूटर के जाने का हमें दुख है. निशानेबाजों की आत्महत्या के मामलों को बढ़ता हुआ देख अभिनव बिंद्रा ने चिंता जताई है. उन्होंने कहा, ‘तीन आत्महत्या एक इशारा है कि सबकुछ ठीक नहीं है. हालांकि हम पूरी तरह से खेल को कारण नहीं बना सकते सबके पास अपने कारण है. हालांकि यह जरूरी है कि ऑर्गनाइजेशन और जिम्मेदारी के साथ काम करे और खिलाड़ियों का पूरा समर्थन करे.’

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