तिरुमला के प्राचीन पहाड़ी मंदिर में पीठासीन देवता वेंकटेश्वर की दिव्य हथेलियों को सजाने के लिए रत्न जड़ित सोने के दस्ताने एक भक्त ने शुक्रवार को भेंट किए. उसने अपनी मन्नत पूरी होने पर ये दस्ताने दान किए. मंदिर के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि तिरुमला में रहने वाले एक परिवार ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी ए. वेंकट धर्मा रेड्डी को ये दस्ताने सौंपे. अधिकारी ने बताया कि सोने के दस्तानों का भार करीब 5.3 किलोग्राम है अैर इसकी कीमत तीन करोड़ रुपये है, जो पहाड़ी मंदिर के गर्भगृह में भगवान वेंकटेश्वर को सुशोभित करें.
वहीं तमिलनाडु में रहने वाले एक भक्त ने आंध्र प्रदेश के तिरुमाला में प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर) के लिए लगभग 2 करोड़ रुपये के सोने के शंख और चक्र का दान किया था. मंदिर प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि चेन्नई के थेनी जिले में वाले थंगादुरई ने भगवान वेंकटेश्वर की पूजा करने के बाद, मंदिर के अधिकारियों को सोने की शंकु (शंख) और चक्रम (चक्र) का दान किया, जिनका वजन 3.5 किलोग्राम है.
सोने के गहनों को भगवान वेंकटेश्वर को पहनाया जाएगा
अधिकारी ने बताया कि इन सोने के गहनों को भगवान वेंकटेश्वर को पहनाया जाएगा. वहीं, थंगादुरई ने संवाददाताओं को बताया कि वह पिछले 50 सालों से तिरुमाला मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की पूजा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल कोरोना महामारी के चलते मंदिर में भक्तों के आने और दर्शन पर रोक लगा दी गई थी, साथ ही वह भी कोरोना से संक्रमित हो गए थे. तब उन्होंने तिरुपति बालाजी मंदिर में अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए मन्नत मांगी थी, जो कि पूरी हो गई है. वह कोरोना से ठीक हो चुके हैं.
हर साल लाखों की संख्या में आते हैं भक्त
तिरुपति मंदिर में अक्सर सोने का चढ़ावा चढ़ाया जाता है. इसीलिए दान आने के मामले में यह मंदिर भारत में पहले स्थान पर है. हर साल लाखों लोग तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए इकठ्ठा होते हैं. यहां आने वाले हर एक व्यक्ति की सबसे बड़ी इच्छा भगवान वेंकटेश्वर (भगवान विष्णु) के दर्शन करने की होती है. यह भारत के उन मंदिरों में से एक है जिसके पट सभी धर्म के अनुयायियों के लिए खुलते हैं. इन तीर्थयात्रियों की पूरी देखरेख तिरूपति देवस्थानम (TTD) करता है.
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