ठेला व्यापारियों को व्यवस्थित करना उद्देश्य, 94 लाख के स्मार्ट कियोस्क कबाड़ में बदले, ‘एप्रोच’ ने रोकी लिस्ट

बिलासपुर 10 दिसम्बर (वेदांत समाचार)।सड़कों पर यहां वहां चल रहे फल, चाट तथा अन्य ठेलों को ट्रैफिक वाली जगहों से हटा कर बाधा रहित जगहों पर शिफ्ट करने के लिए 94 लाख की लागत से बनवाए गए स्मार्ट कियोस्क आबंटन के अभाव में बर्बाद हो रहे हैं। बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने छह महीने पहले देवकीनंदन चौक, मंगला चौक, राजेंद्र नगर, शनिचरी, सत्यम चौक आदि स्थानों पर ठेला लगाने वालों का सर्वे कराया था।

उद्देश्य था कि उन्हें सही जगह पर एक ही आकार के आकर्षक कियोस्क में शिफ्ट किया जाए, ताकि कारोबार करने वालों की आजीविका में फर्क न पड़े और ट्रैफिक की बाधा भी दूर हो जाए। बताया जाता है कि स्मार्ट कियोस्क का आबंटन होता इसके पहले विवाद हो गया। निगम की निर्वाचित परिषद के बड़े ओहदेदारों ने अपने लोगों को उपकृत करने के लिए सूची भेज दी। मापदंड के मुताबिक सूची बना चुके अफसर बचाव में उतर गए और उन्होंने आबंटन रोक दिया।

इमलीपारा, उस्लापुर रोड में रखे हैं
नए कियोस्क इमलीपारा, उस्लापुर रोड सहित कई जगहों पर रखे गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि कियोस्क के निर्माण के साथ ही उसका आबंटन करने की योजना थी। 10-20 कियोस्क बनने के साथ उसका आबंटन एक साथ करना था। इसी प्रकार जितने कियोस्क बनते जाते, उसे आबंटित कर दिया जाता। आबंटन रोकने वाले अफसरों ने कियोस्क की सुरक्षा के प्रति गौर नहीं किया।

हफ्ते भर में होगा आबंटन
स्मार्ट कियोस्क के आबंटन के लिए प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। आबंटन सर्वे के आधार पर किया जाएगा। जेसे वेंडर जिनके पास वेंडर कार्ड है और उनकी सालाना आय 3 लाख से कम है, को कियोस्क दिए जाएंगे। कियोस्क सप्लाई का ठेका चार्टर्ड इंजीनियर को दिया गया है। जब तक यह हैंड ओवर नहीं हो जाता, उसकी जिम्मेदारी ठेकेदार की है। ठेकेदार को भुगतान नहीं किया गया है।