Soviet Union Dissolution: जब सोवियत संघ के तीन स्लाव गणराज्यों के नेता आठ दिसंबर 1991 को शिकारियों के लिए बनाए गए एक सुनसान लॉज में मिले, तो इस विशाल देश के विघटन की इबारत को लिखा गया था. इन नेताओं के दस्तखत से सोवियत संघ के विघटन के साथ ही कई देशों का उदय हुआ और इससे उपजा तनाव इस घटना के तीस साल बाद भी आज रूस और यूक्रेन के बीच देखने को मिलता है. पोलैंड (Poland) के साथ सीमा के पास बेलवेझा जंगल में विस्कुली के डाचा में हस्ताक्षर किए गए समझौते में घोषणा की गई कि ‘यूएसएसआर अंतरराष्ट्रीय कानून के विषय के रूप में और एक भू-राजनीतिक वास्तविकता के रूप में अस्तित्व में है.’
इसने स्वतंत्र राष्ट्रों के राष्ट्रमंडल का भी निर्माण किया, पूर्व सोवियत गणराज्यों का एक ढुलमुल गठबंधन जो अब भी मौजूद है लेकिन अब इसके होने के कोई खास मायने नहीं बचे हैं. दो हफ्ते बाद, आठ अन्य सोवियत गणराज्य गठबंधन में शामिल हो गए, और इस तरह सोवियत राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव (Mikhail Gorbachev) का अधिकार प्रभावी ढंग से समाप्त हो गया और क्रेमलिन पर हथौड़े और हंसिया के निशान वाला झंडा झुका दिया गया. गोर्बाचेव ने 25 दिसंबर, 1991 को पद छोड़ दिया था.
शुष्केविच समझौते से खुश हुए
बेलोरूसिया गणराज्य के प्रमुख स्तांसिलेव शुष्केविच समझौते के हस्ताक्षर के बारे में गर्व से बताते हैं. बेलारूस को तब बेलोरूसिया के तौर पर ही जाना जाता था. उन्होंने कहा कि रूस के बोरिस येल्तसिन और यूक्रेन के लियोनिड क्रेवचुक के बीच बनी सहमति एक ‘कूटनीतिक उत्कृष्ट कृति’ थी. शुष्केविच (86) ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘एक महान साम्राज्य, एक परमाणु महाशक्ति, स्वतंत्र देशों में विभाजित हो गई, जो एक-दूसरे के साथ जितना चाहें उतना सहयोग कर सकते थे और खून की एक बूंद भी नहीं बहाई गई थी.’ लेकिन वह खून बाद में बहाया गया-कभी मास्को के कड़े नियंत्रण में रहे पूर्व सोवियत गणराज्यों में हुए विभिन्न संघर्षों में.
क्रीमिया पर 2014 में हुआ कब्जा
यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर 2014 में रूस के कब्जे के तुरंत बाद पूर्वी यूक्रेन में सबसे घातक संघर्षों में से एक शुरू हुआ जिसमें रूस समर्थित अलगाववादियों ने यूक्रेनी सैनिकों से लड़ाई की, जिसमें 14,000 से अधिक लोग मारे गए (Soviet Union News). रूस द्वारा यूक्रेन से लगने वाली अपनी सीमा पर सैनिकों के जमावड़े ने हमले को लेकर पश्चिमी देशों की चिंताओं को बढ़ा दिया है.
बाइडेन ने पुतिन से क्या कहा?
मंगलवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बताया कि अगर मास्को अपने पड़ोसी के खिलाफ आक्रामक अभियान शुरू करता है तो उसे अर्थव्यवस्था बिगाड़ने वाले प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. वहीं अपने संस्मरण में गोर्बाचेव ने 1991 के समझौते के बारे में कड़वाहट व्यक्त की, जिसने यूएसएसआर को विघटन से बचाने के लिए गणराज्यों के बीच एक नई ‘संघ संधि’ के उनके पुरजोर प्रयासों को नाकाम कर दिया. उन्होंने विघटन से कुछ महीने पहले ही यह नया प्रयास शुरू किया था.
गोर्बाचेव ने क्या लिखा था?
अब 90 साल के हो चुके गोर्बाचेव ने लिखा था, ‘बेलवेझा में उन्होंने इतनी जल्दबाजी और चुपके से जो किया वह एक घायल लेकिन जीवित व्यक्ति को टुकड़े-टुकड़े कर मारने की साजिश की तरह था.’ उन्होंने लिखा, ‘सत्ता और व्यक्तिगत हितों के लिए प्रयास किसी भी कानूनी तर्क या संदेह पर हावी रहा.’ हालांकि शुष्केविच के लिए, ‘यह बिल्कुल भी त्रासदी नहीं थी!’ उन्होंने कहा, ‘हमने राष्ट्रों की जेल को बंद करने का फैसला किया. इसमें पश्चाताप महसूस करने जैसा कुछ नहीं था.’
कौन से देश पहले ही अलग हुए?
शुष्केविच ने तर्क दिया कि शेष 12 सोवियत गणराज्यों को एक साथ रखने के गोर्बाचेव के प्रयासों में उन्हें और अन्य नेताओं ने कोई औचित्य नजर नहीं आया (European Coutries History). लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया के बाल्टिक गणराज्य पहले ही अलग हो चुके थे और कम्युनिस्ट पार्टी के कट्टर सदस्यों द्वारा गोर्बाचेव के खिलाफ अगस्त के असफल तख्तापलट ने उनके अधिकार को खुलेआम चुनौती दी थी तथा अन्य गणराज्यों को स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया था.
गोर्बाचेव को लेकर शुष्केविच ने क्या कहा?
शुष्केविच ने कहा, ‘संघ संधि के सभी संस्करण पुराने तरीकों की बहाली या गोर्बाचेव को अब भी मालिक के तौर पर बरकरार रखने के लिए नए ढांचे के प्रस्ताव में पुराने पत्तों को फेंटने जैसा है.’ शुष्केविच, येल्तसिन और क्रावचुक सात दिसंबर को कुछ वरिष्ठ सहयोगियों के साथ पोलैंड के साथ सीमा के पास विस्कुली लॉज पहुंचे थे (Former Soviet Union Countries). प्रतिभागियों ने बाद में माहौल को तनावपूर्ण बताया- सभी ने महसूस किया कि जोखिम ज्यादा था और अगर गोर्बाचेव चाहते तो देशद्रोह के आरोप में उन सभी को गिरफ्तार किए जाने का खतरा था.
गोर्बाचेव ने रक्तपात के डर से फैसला लिया
गोर्बाचेव ने कहा कि सोवियत सेना और कानून प्रवर्तन की वफादारी विभाजित होने जैसी अस्थिर स्थिति में रक्तपात होने के डर से उन्होंने इसके खिलाफ फैसला किया. उन्होंने लिखा, ‘अगर मैंने कुछ सशस्त्र संरचनाओं पर भरोसा करने का फैसला किया, तो इसका परिणाम अनिवार्य रूप से रक्तपात से भरा एक तीव्र राजनीतिक संघर्ष होगा.’ गोर्बाचेव ने क्रेमलिन पर कब्जा करने के लिए सोवियत विघटन का नेतृत्व करने के लिए येल्तसिन को दोषी ठहराया (Soviet Union History). येल्तसिन ने यह कहकर अपनी कार्रवाई का बचाव किया था कि सोवियत संघ बर्बाद हो गया था. येल्तसिन की 2007 में 76 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी.
[metaslider id="347522"]