नीट -पीजी काउंसलिंग (NEET-PG Counselling) में देरी के कारण दिल्ली में केंद्र सरकार के सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल ( Resident Doctors strike) जारी है. बुधवार को लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने अस्पताल परिसर और आसपास के इलाकें में रैली निकालकर विरोध जताया. इससे पहले सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने भी मंगलावर को रैली निकाली थी. डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी. हड़ताल जारी रहेगी.
सफदरजंग की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के महासचिव डॉ. अनुज अग्रवाल ने बताया कि डॉक्टरों की हड़ताल के बावजूद भी सरकार उनकी मांग पूरी नहीं कर रही है. जब तक काउंसलिंग को लेकर सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता. हड़ताल जारी रहेगी. आरएमएल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर मनीष कुमार का कहना है कि हड़ताल खत्म करने के लिए प्रशासन की ओर से दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन डॉक्टर अपने निर्णय पर कायम हैं. मांग पूरी होने तक वह काम पर नहीं लौटेंगे.
मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज़
रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का सबसे अधिक असर केंद्र सरकार के सफदरजंग और आरएमएल अस्पताल पर हो रहा है. इन दोनों अस्पतालों में देशभर से मरीज इलाज़ के लिए आते हैं, लेकिन हड़ताल के कारण मरीजों की जान सांसत में है. डॉक्टर रैलियां निकाल रहें हैं और उनके सामने ही मरीजों की मौत हो रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार से अबतक सफदरजंग अस्पताल में इलाज़ न मिलने से तीन लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि इस बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दे रहा है. जिन मरीजों की हालत काफी गंभीर हैं उन्हें सीनियर डॉक्टर देख रहें है, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टरों के न होने के कारण अधिकतर मरीजों को इलाज़ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में उनके परिजन उन्हें अन्य अस्पतालों में लेकर जा रहे हैं.
लोकनायक और जीबी पंत के डॉक्टर भी होंगे शामिल
डॉक्टरों की इस हड़ताल का असर अब दिल्ली के लगभग सभी अस्पतालों में पड़ सकता है. दिल्ली सरकार के लोकनायक, जीबी पंत और जीटीबी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी अब इमरजेंसी सेवाओं को बंद करने की घोषणा कर दी है. डॉक्टरों की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि बुधवार से तीनों अस्पतालों में इमरजेंसी विभाग (Emergency Department) में काम नहीं किया जाएगा. इससे मरीजों को जो परेशानी होगी. उसकी जिम्मेदार सरकार होगी. इन अस्पतालों के अलावा नई दिल्ली स्थित उत्तर रेलवे केंद्रीय अस्पताल के डॉक्टरों ने भी अपनी सेवाएं बंद करने का एलान किया है. डॉक्टर बुधवार को रूटीन ओपीडी के अलावा इमरजेंसी सेवाओं का भी बहिष्कार करेंगे.
प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की मांग
डॉक्टरों की हड़ताल के मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (IMA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है. एसोसिएशन का कहना है कि अस्पतालों में स्टॉफ की भारी कमी है. इसको देखते हुए स्नातकोत्तर (पीजी) एडमिशन युद्ध स्तर पर हों. एसोसिएशन ने कहा कि सफदरजंग अस्पताल में स्टाफ की कमी से परेशान डॉक्टरों की हड़ताल से अब मरीजों की जान पर बन आई है. बड़ी संख्या में इलाज कराने आये मरीज परेशान वापस अपने घरों को लौटने के लिए मजबूर हैं.
एम्स के डॉक्टर भी समर्थन में
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने भी हड़ताल का समर्थन किया है. अस्पताल की रेजिडेंट एसोसिएसन का कहना है कि इ समय देश में करीब 42 हजार एमबीबीएस डॉक्टर नीट पीजी काउंसलिंग का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन काउंसलिंग न होने से अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी हो गई है. इससे मौजूदा डॉक्टरों पर काम का काफी दबाव है.
[metaslider id="347522"]