दुर्घटनाग्रस्त हुआ एयर फोर्स का भरोसेमंद Mi- 17 V5, जानिये क्या है इन हेलीकॉप्टर की खासियतें…

कुन्नुर में आज सेना का एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है..इन हेलीकॉप्ट में सीडीएस विपिन रावत और सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी सफर कर रहे थे. भारतीय वायु सेना ने जानकारी दी कि ये हेलीकॉप्टर IAF Mi17वी 5 हेलीकॉप्टर था. ये मीडियम लिफ्ट हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना का एक अहम हिस्सा है. जो कॉम्बैट रोल से लेकर सैनिकों और अधिकारियों को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाने में लगातार अहम भूमिका निभा रहे हैं. जानिये इस हेलीकॉप्टर की खासितयों के बारे में

रूस में निर्मित हेलीकॉप्टर बना भारतीय सेना का अहम हिस्सा

Mi 17 V5 रशियन हेलीकॉप्टर्स की एक सब्सिडियरी कज़ान हेलीकॉप्टर्स द्वारा तैयार किया गया है. भारतीय वायुसेना के पास अब तक उपलब्ध Mi सीरीज के हेलीकॉप्टर्स में ये सबसे उन्नत श्रेणी का हेलीकॉप्टर है. भारतीय वायुसेना इस सीरीज के कई हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करती रही है, जिसमें Mi 26, Mi-24, Mi-17 और Mi 17 V5 शामिल हैं, हेलीकॉप्टर का मुख्य काम ट्रांसपोर्टेशन और सैनिकों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने या युद्ध के क्षेत्र से निकालने और बचाव कार्य आदि में किया जाता है..हालांकि इसमें जरूरत पड़ने पर हल्के हथियार लगाकर हमलावर भूमिका भी दी जा सकती है..हालांकि भारतीय वायुसेना इसका आमतौर पर इस्तेमाल गैर युद्धक हेलीकॉप्टर में ही करती है.

क्या है Mi 17 V5 की खासियतें

Mi सीरीज के ये हेलीकॉप्टर दुनिया भर के कई देशों में इस्तेमाल हो रहे हैं और इनका प्रदर्शन काफी भरोसमंद रहा है. हेलीकॉप्टर को Mi- 8 के एयरफ्रेम के आधार पर तैयार किया गया है. हालांकि इसमें पहले से कहीं उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया है. हेलीकॉप्टर बेहद ठंडे से लेकर बेहद गर्म माहौल में आसानी से उड़ान भर सकता है. हेलीकॉप्टर का केबिन काफी बड़ा है जिसका फ्लोर एरिया 12 वर्ग मीटर से ज्यादा है. हेलीकॉप्टर इस तरह से डिजाइन किया गया है कि सामान और सैनिको को पीछे के रास्ते तेजी से उतारा जा सके. हेलीकॉप्टर में 4 मल्टीफंक्शन डिस्प्ले दिये गये हैं. ऑन बोर्ड वेदर रडार और ऑटो पायलट सिस्टम भी है जिससे पायलट को काफी मदद मिलती है. Mi 17 V5 भारत की विशेष जरूरतों के आधार पर अपग्रेड किया गया है.

क्या है इन हेलीकॉप्टर्स की कीमत

रक्षा मंत्रालय ने साल 2008 के दिसंबर में ऐसे 80 हेलीकॉप्टर के लिये 130 करोड़ डॉलर की डील की थी. 2008 में डॉलर और रुपये के औसत एक्सचेंज रेट के आधार पर ये रकम करीब 6000 करोड़ रुपये के बराबर है. यानि एक हेलीकॉप्टर की डील वैल्यू 76 करोड़ रुपये के करीब पड़ी थी.डील में हेलीकॉप्टर के साथ कई अन्य सेवायें और तकनीकें भी शामिल थीं. भारतीय वायु सेना को ये विमान 2013 तक 36 विमान मिल चुके थे. अप्रैल 2019 में भारतीय वायु सेना ने इन हेलीकॉप्टर के लिये रिपेयर और ओवरहॉल फैसलिटी की भी शुरुआत की थी