उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मंत्री अनिल राजभर मंगलवार को वाराणसी पहुंचे. इस दौरान वाराणसी के सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के रास्ते में पड़ने वाली मस्जिद को गेरुआ रंग में रंगने को लेकर हुए विवाद के बाद कहा कि अगर हमारा बस चले को पूरे देश को भगवा में रंग दें. राजभर ने कहा कि भारत का रंग भगवा है. भगवा से इतनी नफरत क्यों? भारत की पहचान और भगवान का दर्शन कराने वाला रंग भगवा ही है.मंदिर और मस्जिद में क्या फर्क है. दोनों भगवान का घर है और भगवान का घर भगवा ही होना चाहिए.
दरअसल, वाराणसी में मस्जिद को रंगने के बाद हुई आपत्ति के सवाल पर अनिल राजभर ने कहा कि मस्जिद और मन्दिर में कोई फर्क नहीं है क्योंकि दोनों ही भगवान के घर हैं. भगवान का घर तो भगवा में होना ही चाहिए और विरोध वो लोग करते हैं, जिनको भगवा के बारे में पता ही नहीं है. जिनको विरोध करना हो वे करें, भगवा रंग भारत और भगवान दोनों का दर्शन कराता है. जो लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं वे संकीर्ण मानसिकता के हैं. सरकार इसकी परवाह नही करती. माना जा रहा है कि पीएम मोदी के कार्यक्रम से पहले कोई विवाद तूल न पकड़े इसलिए अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए उसे दोबारा सफेद रंग से रंगवा दिया है. हालांकि मंत्री के बयान से लगता है कि आगे मामला एक बार फिर गरमा सकता है.
गेरुआ रंग में रंगी दी गई मस्जिद
बता दें कि वाराणसी में बन रहे पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर तक जाने के लिए गंगा के अलावा सड़क मार्ग से 2 रास्ते जाते हैं. ऐसे में एक रास्ता गोदौलिया से मंदिर आता है और दूसरा मैदागिन से मंदिर तक आता है. जहां दोनों रास्तों पर पड़ने वाले सभी घरों को गेरुआ रंग में रंगने का प्रशासन ने फैसला लिया है. ऐसे में सोमवार की रात बुलानाला पर स्थित मस्जिद को भी गेरुआ रंग में रंग दिया गया. इस दौरान अगले दिन मंगलवार की सुबह जब जानकारी मस्जिद प्रबंधन को हुई. इसके बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की आपत्ति जताकर इसका विरोध किया.
लोगों के आपत्ति जताने पर सफेद की गई मस्जिद
गौरतलब है कि कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटी सैयद मोहम्मद यासीन ने बताया कि बगैर पूछे मस्जिद का रंग बदलना पूरी तरह से गलत है. उन्होंने इसको लेकर प्रशासन के अधिकारियों से आपत्ति जताई. वहीं, मस्जिद के तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर तैरने लगी. ऐसे में लोगों की आपत्ति के बाद प्रशासन ने कोई देरी नहीं की और मस्जिद को दोबारा सफेद करवाना शुरू कर दिया. हालांकि आधा दर्जन से ज्यादा मजदूरों को लगवा कर कुछ घंटे में मस्जिद दोबारा सफेद करा दी गई.
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