बेमेतरा06 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। कृषि विज्ञान केन्द्र ढोलिया बेमेतरा मे “विश्व मृदा दिवस” के अन्तर्गत जागरूकता सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. रंजीत सिंह राजपूत ने किया। डॉ. रंजित सिंह राजपूत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि खेती की उर्वरा क्षमता को लंबे समय तक बरकरार रखने के लिए सभी किसानों को अपनी मिट्टी का परीक्षण कराकर उसमें उपलब्ध मुख्य पोषक तत्वों एवं सुक्ष्म पोषक तत्वों के बारे में जानकारी रखना चाहिए ताकि आवश्यकता के अनुसार फसलों में खाद एवं उर्वरक का उपयोग कर अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त हो सके। इससे खाद एवं उर्वरक का अनावश्यक (अधिक) उपयोग पर नियंत्रण होगा व उत्पादन लागत भी कम करने में मदद मिलेगी। कृषि विज्ञान केन्द्र के विषय वस्तु विषेषज्ञ, तोषण कुमार ठाकुर ने कृषकों को जानकारी दिया कि टिकाऊ खेती के लिए मिट्टी के स्वास्थ का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए किसानों को खेती में उपयोग होने वाले विभिन्न प्रकार के रसायनिक पेस्टीसाइड-कीटनाशक से मिट्टी को होने वाले हानि के बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि रसायनिक व जैविक खाद, उर्वरक एवं पेस्टीसाइड के उपयोग में संतुलन स्थापित किया जा सके साथ ही इस कार्यक्रम में कृषकों को जैविक खेती के लाभ एवं महत्व के बारे में जानकारी दिया गया। इस कार्यक्रम का लाभ ग्राम-झाल, ढोलिया, चारभाठा के 42 से अधिक उपस्थित कृषकों ने लिया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के शिव कुमार सिन्हा, पलाश चौबे, पंचूराम यादव, स्पर्श पटेल एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।
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