नई दिल्ली। कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा फिर से मंडराने लगा है, ऐसे में कई देश अपने नागरिकों को बूस्टर डोज दे रहे हैं। लेकिन भारत में अभी तक इसको लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है। इस बीच एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
रिपोर्ट्स से पता चला है कि भारत के कई लोग दूसरे देशों में जाकर बूस्टर डोज ले रहे हैं। इन लोगों में बड़े उद्योगपति घराने या फिर बड़ी कंपनियों में उच्च पदों पर काम करने वाले लोग शामिल हैं।
उद्योग जगत के लोगों का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि उनकी कंपनी के कई कर्मचारी भारत के बाहर बूस्टर डोज लेने के लिए यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग अपनी इम्यूनिटी को लेकर चिंतित हैं, इसलिए चिकित्सीय परामर्श के बाद वे विदेश यात्रा कर रहे हैं। एक बड़ी कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि उनके यहां के कई कर्मचारी बूस्टर डोज के लिए अमेरिका की यात्रा कर चुके हैं।
ब्रिटेन-अमेरिका के अलावा दुबई बना हॉटस्पॉट
भारत से जो लोग बूस्टर डोज के लिए विदेश यात्रा कर रहे हैं। उनका पसंदीदा देश ब्रिटेन और अमेरिका है। वहीं फाइजर की अतिरिक्त खुराक लेने वाले दुबई भी जा रहे हैं। एक कंपनी के सीईओ ने कहा कि भारत में अभी तक बूस्टर डोज को लेकर फैसला नहीं हुआ है, मुझे नहीं पता कि यह कानूनी है या गैर कानूनी। लेकिन लोग स्वास्थ्य के प्रति चिंतित हैं और खुद को बचाना चाहते हैं, वे कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं।
भारत में बूस्टर डोज पर आज हो सकता है फैसला
भले ही भारत में अभी तक बूस्टर डोज को लेकर कोई फैसला न हुआ हो, लेकिन जल्द ही इस पर कोई निर्णय लिया जा सकता है। कोरोना वैक्सीन की अतिरक्त खुराक को लेकर कई बैठकें भी हो चुकी हैं। वैज्ञानिक भी इसकी जरूरत बता चुके हैं, ऐसे में जल्द ही केंद्र सरकार बूस्टर डोज को लेकर दिशानिर्देश जारी कर सकती है।
संभव है कि पहले चरण में बूस्टर डोज बुजुर्गों व खराब इम्यूनिटी वाले लोगों को दिया जाए। वहीं सीरम इंस्टीट्यूटर के अदार पूनावाला भी कह चुके हैं कि उनके पास बूस्टर डोज के लिए पहले से करीब 1.5 करोड़ से ज्यादा कोविशील्ड की खुराक आरक्षित हैं।
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